प्रधान संपादक मो शोएब की रिपोर्ट ✍️
लखनऊ, 16 फरवरी 2025 (रविवार): भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के नेतृत्व में आज लखनऊ के दुबग्गा पावर हाउस चौराहा पर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में वसंत कुंज योजना से प्रभावित सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) व आवास विकास विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने अपनी 44 साल से लंबित मांगों को लेकर नाराजगी जताई और प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की।
किसानों की प्रमुख मांगें
इस महापंचायत में किसानों ने चार प्रमुख मांगों को सामने रखा:
1. उचित मुआवजा – किसानों को उनकी जमीन का बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा दिया जाए।
2. पुनर्वास की व्यवस्था – विस्थापित किसानों को रहने के लिए वैकल्पिक जमीन और आवास उपलब्ध कराया जाए।
3. भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता – जबरन जमीन अधिग्रहण बंद किया जाए और किसानों की सहमति ली जाए।
4. सरकारी अधिकारियों से वार्ता – प्रशासन जल्द से जल्द किसानों से संवाद स्थापित करे और उनकी समस्याओं का हल निकाले।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने क्या कहा?
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,
"किसान पिछले 44 सालों से अपनी जमीन और हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ी तो सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।"
किसानों ने सरकार को दी चेतावनी
महापंचायत में जुटे किसानों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्याओं का हल जल्द नहीं निकला, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो लखनऊ में धरना-प्रदर्शन और घेराव किया जाएगा।
अगले कदम
किसान संगठन सरकारी अधिकारियों से वार्ता के लिए समय सीमा तय करेगा।
मांगें पूरी न होने पर चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
कानूनी लड़ाई का भी विकल्प खुला रहेगा।
निष्कर्षल
लखनऊ की यह किसान महापंचायत सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी की तरह है। अब यह देखना होगा कि किसानों की आवाज को कितना सुना जाता है और उनकी 44 साल पुरानी समस्याओं का समाधान कब तक किया जाता है।
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