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बाढ़ नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश, राहत शिविरों की तैयारी पूर्ण करने के आदेश

ब्यूरो चीफ: योगेन्द्र सिंह यादव, शाहजहांपुर

शाहजहांपुर में आगामी वर्षाकाल को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ नियंत्रण स्टीयरिंग कमेटी एवं ड्रेनों की सफाई को लेकर महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में बाढ़ जैसी संभावित आपदा से निपटने के लिए व्यापक रणनीति पर मंथन किया गया।

जिलाधिकारी ने प्रमुख नदियों के तटबंधों की मरम्मत, बाढ़ सूचना तंत्र की सक्रियता, राहत शिविरों की व्यवस्था, नालों की सफाई, बाढ़ चौकियों की स्थापना, गोताखोरों व नावों की उपलब्धता तथा पशुओं के चारे की उपलब्धता जैसे विषयों पर तहसीलवार समीक्षा की।

उन्होंने अपर जिलाधिकारी (वि/रा) को गर्रा एवं खन्नौत नदी के पिछले वर्ष के जलस्तर के निशान चिन्हित करने के निर्देश दिए। साथ ही शारदा नहर खंड के अधिशासी अभियंता को जनपद में बाढ़ से बचाव की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया।

बेहटा शाहबाजनगर के क्षतिग्रस्त बंध की शीघ्र मरम्मत कराने का भी आदेश दिया गया। सभी उपजिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों की स्थापना, राहत शिविरों की तैयारी, रंगाई-पुताई, स्वच्छता एवं मूलभूत सुविधाएं समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में जनहानि या पशुहानि न हो, इसके लिए समस्त विभागीय तैयारियां समय से पूरी की जाएं। सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में पूर्व वर्ष के जलस्तर के संकेतक लगाए जाएं, जबकि जलस्तर मापने वाले स्थलों पर पर्याप्त कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाए।

लोक निर्माण विभाग को बाढ़ प्रभावित मार्गों की मरम्मत व आपदा के समय आवश्यक बचाव उपकरणों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए। नगर निकायों को शहर के नाले व नहरों की सफाई कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया।

बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह, नगर आयुक्त विपिन कुमार मिश्र, सदर, तिलहर, जलालाबाद व कलान के उपजिलाधिकारीगण, शारदा नहर खंड एवं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय जल प्रबंधन योजना के अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इस वर्ष बाढ़ से मुकाबले की तैयारियां कागजों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि जमीनी हकीकत पर भी जोर दिया जाएगा।

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