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इंटरनेट पोर्टल नहीं कर सकते पत्रकारों की नियुक्ति, सूचना प्रसारण मंत्रालय सख्त

ब्यूरो रिपोर्ट जहीन खान ✍️ 

नई दिल्ली। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकारिता की गरिमा और प्रामाणिकता को बनाए रखने के लिए फर्जी पत्रकारों और अवैध समाचार चैनलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी इंटरनेट आधारित न्यूज पोर्टल या यूट्यूब चैनल न तो पत्रकारों की नियुक्ति कर सकता है और न ही उन्हें प्रेस आईडी जारी करने का अधिकार रखता है

सूत्रों के अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि देश भर में बगैर पंजीकरण (RNI नंबर) के कई ऑनलाइन चैनल और पोर्टल चलाए जा रहे हैं, जो न सिर्फ फर्जी प्रेस कार्ड बांट रहे हैं, बल्कि कानून व्यवस्था और असली पत्रकारों की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने इस संदर्भ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जल्द ही देशव्यापी जांच अभियान चलाया जाएगा, जिसमें उन लोगों की जांच की जाएगी जो स्वयं को पत्रकार बताकर फर्जी चैनल या पोर्टल चला रहे हैं

मंत्री ने साफ कहा कि —
"ऐसे लोगों की पहचान होते ही तुरंत कार्रवाई की जाएगी और गिरफ्तारी भी हो सकती है।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ लोभी और असामाजिक तत्व, मामूली पैसों के बदले फर्जी आईडी बनाकर बांट रहे हैं, जिससे ईमानदार और समर्पित पत्रकारों की छवि को ठेस पहुंच रही है।

सरकार इस दिशा में एक ठोस योजना बना रही है जिससे पत्रकारिता क्षेत्र को बदनाम करने वाले तत्वों को रोका जा सके। इसके तहत नकली प्रेस कार्ड बनाने वाले गिरोह, बिना पंजीयन चलने वाले चैनल, और गैरकानूनी रूप से पत्रकार बनाकर घूम रहे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

यह सख्ती न केवल फर्जी पत्रकारों पर लगाम लगाएगी, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा और असली पत्रकारों के हितों की भी रक्षा करेगी।

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