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चाचा-भतीजे का लाखों में कारोबार, यथावत बनी रही नौकरी केजीएमयू में शिकायतकर्ता ने खोला फर्म कारोबार का काला चिट्ठा

ब्यूरो रिपोर्ट: जहीन खान ✍️

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां प्रदेश को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सुशासन की दिशा में आगे ले जा रहे हैं, वहीं लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में भ्रष्टाचार की परतें इस नीति को ठेंगा दिखा रही हैं।

मामला केजीएमयू के वित्त विभाग में तैनात चाचा-भतीजे की कथित सांठगांठ से जुड़ा है। दिलीप कुमार, जो माली के पद पर नियुक्त हैं, पर विभागीय कार्यों में सक्रिय रहने और अपने भतीजे मोहित कुमार, जो कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी से फर्म संचालक बन गया, के साथ 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन करने के गंभीर आरोप हैं।

बताया गया कि शिकायतकर्ता अंकित गुप्ता ने मार्च माह में इस भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कुलपति, डिप्टी सीएम और मुख्यमंत्री तक शिकायतें दर्ज कराईं। इसके बाद मेडिकल रिपोर्टर ने जब मामले की पड़ताल शुरू की, तो वित्त विभाग के अंदर फैले भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली गईं।

मामला उजागर होते ही संस्थान ने एक जांच समिति का गठन किया, और मोहित कुमार की फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। लेकिन इसके बाद भी दिलीप और मोहित पर कोई ठोस विभागीय कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि दोनों की संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलीभगत के चलते कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई।

पूर्व वित्त अधिकारी विनय कुमार राय ने रिपोर्टर को दिए गए बयान में कहा था कि दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि दोनों अभी भी अपने-अपने पदों पर कायम हैं और मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।

यह भी जानकारी सामने आई है कि भतीजे द्वारा संचालित फर्म ने बिना किसी संज्ञान के संस्थान में लाखों का कारोबार कर लिया। इतना ही नहीं, आरोप है कि अगर वर्षों तक संस्थान को इस फर्म की जानकारी नहीं लगी, तो नई फर्म बनाकर भी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा सकता है।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या संस्थानों में ऊंचे पदों पर बैठे लोग भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं? और क्या जीरो टॉलरेंस सिर्फ कागजों तक सीमित है?

जाहिर है, यदि दोष सिद्ध हो चुका है, तो नियमानुसार कर्मचारियों का तबादला या निलंबन होना चाहिए, लेकिन केजीएमयू प्रशासन की कार्यशैली पर अब कई सवाल उठने लगे हैं।

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