स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर, 21 जून 2025। राज्य स्वच्छ गंगा मिशन उत्तर प्रदेश एवं नगर आयुक्त के निर्देशन में अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान के अंतर्गत एन.आई.यू.ए. (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स) की टीम और लियो एसोसिएट्स के अर्बन प्लानर्स ने आज नगर क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान टीम को राजघाट, गर्रा नदी, हनुमतधाम, छठ घाट, खन्नौत नदी, एफ.एस.टी.पी., एस.टी.पी., अमृत सरोवर, एम.आर.एफ. सेंटर, एवं नगर क्षेत्र में बहने वाले नालों तथा बायो कम फाइटो रेमेडिएशन स्थलों की स्थिति से अवगत कराया गया।
महापौर की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक
माननीय महापौर की अध्यक्षता में नगर आयुक्त एवं नगर निगम अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें खन्नौत नदी के लोधीपुर से हनुमतधाम तक रिवर फ्रंट विकसित किए जाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए। नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि हनुमतधाम पुल से पक्का पुल तक सिंचाई विभाग के सहयोग से रिवर फ्रंट पर कार्य प्रगति पर है, और इसके दूसरे छोर का कार्य भी शीघ्र प्रस्तावित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में विस्तृत प्रस्तुति
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एन.आई.यू.ए. और लियो एसोसिएट्स के अर्बन प्लानर ने शाहजहांपुर के लिए अर्बन रिवर मैनेजमेंट का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया।
बताया गया कि देशभर में चयनित 60 रिवर शहरों में से उत्तर प्रदेश के पांच शहर—बिजनौर, गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन, मिर्जापुर और शाहजहांपुर को इस योजना के लिए चुना गया है।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित सूचनाएं शीघ्र उपलब्ध कराएं, ताकि नदियों और नालों के विकास कार्यों की योजना को जल्द अंतिम रूप देकर जल्द से जल्द कार्यवाही शुरू की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राउंड वॉटर रिचार्ज बढ़ाने के लिए यह योजना बेहद अहम है।
साथ ही, महानगर क्षेत्र में छोटे-छोटे एस.टी.पी. प्लांट्स स्थापित करने हेतु भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे जल शोधन की व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह, अपर नगर आयुक्त एस.के. सिंह, नगर निगम के अन्य अधिकारी, एन.आई.यू.ए. की टीम और लियो एसोसिएट्स के अर्बन प्लानर उपस्थित रहे।
यह पहल नगर क्षेत्र की नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने और सतत जल प्रबंधन की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।
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