स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर, 30 जून। तिलहर थाना क्षेत्र की निवासी सना खान पुत्री स्व. रियाज अहमद ने जिलाधिकारी शाहजहांपुर को प्रार्थना पत्र देकर यूकेलिप्टस के पेड़ों पर जबरन कब्जे और मारपीट का गंभीर आरोप लगाते हुए कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता ने चेताया है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह और उसका परिवार आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
सना खान के अनुसार, उसके पिता ने वर्ष 1988 में मोहल्ला कच्चा कटरा तिलहर स्थित एक साझेदारी की भूमि समीउल्ला खान उर्फ कल्लू के साथ खरीदी थी। आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा हुआ था और सना के हिस्से में मकान के पीछे यूकेलिप्टस के पेड़ लगे हुए थे, जिन्हें उसके पिता ने लगवाया था।
सना का कहना है कि स्कूल फीस और परिवार के खर्चों को पूरा करने के लिए उन्होंने दिनांक 29 जून 2025 को पेड़ कटवाने शुरू किए। तभी उनका चाचा इरशाद खान (पति हसीना बेगम) मौके पर पहुंचा और गाली-गलौज करते हुए पेड़ों पर अपना हक जताने लगा। विरोध करने पर लाठी-डंडों से हमला किया गया, जिसमें सना सहित उसके परिजन घायल हो गए।
पुलिस को दी गई सूचना
पीड़िता के अनुसार, थाना तिलहर पुलिस को सूचना देने पर पुलिस मौके पर पहुंची और समीउल्ला की पत्नी का वीडियो बयान लिया, जिसमें उसने कहा कि केवल कुछ जमीन की वसीयत की गई है, पेड़ों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
इसके बावजूद आरोप है कि इरशाद खान ने एक भाजपा नेता के साथ मिलकर पुलिस पर दबाव बनाते हुए पेड़ों को जबरन उठाने की कोशिश की और अब भूमि पर कब्जे की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि वह आरामशीन लगवाने की योजना में है, जिससे भूमि पूरी तरह हड़पी जा सके।
पीड़िता ने दी आत्महत्या की चेतावनी
सना खान ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि वह पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रही है, और अब इन परिस्थितियों के कारण परिवार मानसिक रूप से टूट चुका है। यदि कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और न्याय न मिला तो वह और उसका परिवार आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।
जिम्मेदार ठहराए गए व्यक्ति:
- इरशाद खान (चाचा)
- शोबी खान (पुत्र)
प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि निम्न को भेजी गई है:
- माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश शासन
- आईजी बरेली मंडल
- पुलिस अधीक्षक, शाहजहांपुर
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है, क्योंकि मामला जमीन, पारिवारिक विवाद, दबंगई और आर्थिक शोषण से जुड़ा हुआ है।
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