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डी.एल.टी.सी. बैठक में कृषि, पशुपालन और मत्स्य क्षेत्र के वित्तीय मानकों पर हुई गहन चर्चा

योगेंद्र सिंह यादव, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर

शाहजहांपुर, 02 अप्रैल 2025। जिले में कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम उद्योग और औषधीय फसलों के वित्तीय निर्धारण को लेकर जिला स्तरीय तकनीकी समिति (डी.एल.टी.सी.) की महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में नाबार्ड, कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, सहकारी बैंक सहित विभिन्न विभागों के चयनित अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2025-26 के लिए खरीफ एवं रबी फसलों, सब्जियों और पशुधन से जुड़े वित्तीय मानकों को तय करना था, ताकि किसान और पशुपालक सही समय पर उचित आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकें।

वित्तीय मानकों में एकरूपता लाने पर जोर

बैठक के दौरान जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर ने बैठक की कार्यवृत्त प्रस्तुत की, जिसमें मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन, औषधीय फसलों सहित पशुपालन और मत्स्य पालन के वित्तीय आंकड़ों पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने इस दौरान कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के वित्तीय मानकों में एकरूपता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न कृषि और पशुपालन गतिविधियों को एक ही एग्रो-क्लाइमेटिक जोन के आधार पर वर्गीकृत किया जाए, ताकि वित्तीय मानकों में समानता लाई जा सके। इससे किसानों और पशुपालकों को समान लाभ मिलेगा और स्केल ऑफ फाइनेंस को समय से निर्धारित किया जा सकेगा।

मत्स्य और पशुपालन को बढ़ावा देने के निर्देश

बैठक में डेयरी, मुर्गी, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन और अन्य पशुपालन गतिविधियों के वित्तीय पहलुओं पर भी चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने पशुपालन और मत्स्य विभाग को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक किसानों और पशुपालकों को जोड़ने के लिए वित्तीय अनुदान और ऋण योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि गांवों में छोटे स्तर पर डेयरी फार्मिंग और मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए, ताकि ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।

बैठक में शामिल अधिकारीगण

इस बैठक में उप कृषि निदेशक धीरेन्द्र सिंह, कृषि रक्षा अधिकारी संजय कुमार, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक राजेश कुमार कुशवाहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के जिला अग्रणी प्रबंधक आर.आर. तिवारी, डीडी नाबार्ड चिरंजीव सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एन.पी. गुप्ता, जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रताप, मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप शुक्ला और श्री मुन्ना लाल मिश्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों को समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। कृषि और पशुपालन के वित्तीय मानकों में एकरूपता लाने से जिले के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा। बैठक में उठाए गए मुद्दों पर संबंधित विभागों को जल्द से जल्द कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।

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