स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर, 23 जून 2025। कोतवाली पुलिस ने नकली करेंसी तैयार करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली नोट और उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से जनपद में नकली करेंसी के कारोबार को बड़ा झटका लगा है।
बरामदगी में शामिल हैं:
- ₹500 के 840 नोट,
- ₹100 के 370 नोट,
- ₹50 के 64 नोट,
- ₹20 के 40 नोट,
- कुल नकली करेंसी: ₹4,61,000
साथ ही नकली नोट छापने के उपकरण जैसे लैमिनेशन मशीन, एचपी व कैनन प्रिंटर, लैपटॉप, पेपर, पन्नी, रंग व नोट कटिंग पेपर, और एक मारुति ब्रेज़ा कार व टीवीएस मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम:
- डॉ. नफीस अहमद पुत्र जमील अहमद, निवासी कमालपुर फतेहाबाद, थाना कुन्दरकी, मुरादाबाद
- पंकज गंगवार पुत्र स्व. सीताराम, निवासी जनपद रोड, मोहल्ला तीन पानी डाम, रुद्रपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
- निखिल मिश्रा पुत्र स्व. हरीसुमिरन मिश्रा, निवासी आनंदपुरम कॉलोनी, थाना कोतवाली, शाहजहांपुर
गिरफ्तारी का स्थान व समय:
बरेली हाईवे से उमरगंज जाने वाले कच्चे रास्ते से, दिनांक 23 जून 2025, समय करीब 07:54 बजे सुबह
पंजीकृत अभियोग:
मु0अ0सं0 283/25, धारा 176/177/178/179/318/336/336(3)/340(2) BNS, थाना कोतवाली, जनपद शाहजहांपुर
पूछताछ में हुआ खुलासा:
अभियुक्त डा. नफीस ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी के चलते उसने नकली करेंसी बनाना सीखा। उसके गुरु जाकिर (निवासी रमाना, थाना शाहबाद, रामपुर) ने उसे यह काम सिखाया था। जाकिर की मृत्यु के बाद उसने यह अवैध कारोबार शुरू कर दिया। नकली नोटों को छोटे व्यापारियों व जनता में चलन में लाकर पैसे कमाते थे। नफीस ही नकली करेंसी बनाता था और पंकज गंगवार व निखिल मिश्रा उसे ब्रेज़ा कार के जरिए सप्लाई करते थे। ब्रोकरों को 20% के कमीशन पर नकली करेंसी दी जाती थी।
डा. नफीस का आपराधिक इतिहास:
उसके खिलाफ गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, मुरादाबाद व शाहजहांपुर में कुल 7 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश नकली करेंसी और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
पुलिस टीम में शामिल रहे:
- प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार सिंह
- उ.नि. सुशान्त रावत, नितिन कुमार
- हे.का. संजीव कुमार
- कांस्टेबल सुमित (2330), अर्जुन सिंह (2214), गौरव कुमार (1750)
शाहजहांपुर पुलिस की यह कार्रवाई नकली करेंसी के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है। मामले की जांच गहनता से की जा रही है ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का भी पर्दाफाश हो सके।
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