स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहाँपुर जिले के सुदूरवर्ती विकास खंड कलान के गंगा ग्राम हेतमपुर में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत कारगिल विजय दिवस की स्मृति में भव्य आयोजन संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम वन विभाग, मेरा युवा भारत और जिला गंगा समिति शाहजहांपुर के संयुक्त तत्वावधान में प्रभागीय वनाधिकारी विनोद कुमार के निर्देशन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम प्रधान आबिद खान, वन दरोगा हरिलाल यादव और न्याय विभाग के परामर्शदाता मुकेश सिंह परिहार ने मां भारती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इस अवसर पर "मेरा युवा भारत" संस्था द्वारा नारा लेखन प्रतियोगिता, संगोष्ठी, और रैली का आयोजन किया गया, जिसमें उजाला देवी प्रथम, अंशिका द्वितीय, और हांशिका तृतीय स्थान पर रहीं।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी युवाओं से राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया। उन्होंने मौके पर "एक पेड़ अमर शहीदों के नाम" रोपित कर संरक्षण का संकल्प भी दिलाया।
मुकेश सिंह परिहार ने कारगिल युद्ध पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को बताया कि जैसे हमारे सैनिक सरहदों पर देश की रक्षा करते हैं, वैसे ही देश के युवा सकारात्मक सोच और कार्यों से राष्ट्र सेवा कर सकते हैं।
वन दरोगा हरिलाल यादव ने सहजन वृक्ष को सुपरफूड बताते हुए इसके औषधीय गुणों की जानकारी दी और हर घर में सहजन लगाने की अपील की। वहीं वन रक्षक अजीत सिंह ने राष्ट्रीय जलजीव डॉल्फिन की विशेषताओं पर चर्चा करते हुए गंगा में पाए जाने वाले इस जीव के संरक्षण हेतु जागरूकता फैलाई।
कार्यक्रम के संचालन में जिला परियोजना अधिकारी डॉ. विनय कुमार सक्सेना ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा ग्रामों में हो रहे वृक्षारोपण को “मां गंगा का श्रृंगार” बताया और सभी को गंगा की निर्मलता एवं अविरलता बनाए रखने का संदेश दिया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अतुल चतुर्वेदी और सहायक अध्यापक पंकज के नेतृत्व में बच्चों द्वारा रैली निकालकर ग्रामीणों को वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण और सहजन वितरण के प्रति जागरूक किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में हिमांशु सक्सेना, आशीष यादव, वन दरोगा श्रीकृष्ण, मदनपाल, अशोक, ब्रजमोहन तिवारी, अमित यादव, अरविंद्र सिंह यादव सहित वन विभाग और विद्यालय स्टाफ का विशेष योगदान रहा।
यह आयोजन जहां प्रकृति संरक्षण, राष्ट्रप्रेम और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बना, वहीं ग्रामवासियों और छात्रों में नई ऊर्जा और चेतना का संचार भी किया।
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