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ग्राम हेमपुर में प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप, भारतीय किसान यूनियन राष्ट्र शक्ति ने सौंपा ज्ञापन

ब्यूरो रिपोर्ट: संवाददाता,सीतापुर✍️

सीतापुर। ग्राम पंचायत हेमपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार और खुली बैठक न होने की शिकायतों को लेकर भारतीय किसान यूनियन राष्ट्र शक्ति ने बड़ा कदम उठाया है। संगठन की मासिक बैठक में ग्राम हेमपुर की गंभीर अनियमितताओं पर चर्चा के बाद आज दिनांक 25 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी सीतापुर को एक ज्ञापन सौंपा गया

ज्ञापन के माध्यम से यूनियन ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत सदस्यों को नजरअंदाज कर मनमाने तरीके से फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर प्रस्ताव पास किए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक ग्राम पंचायत को प्राप्त लाखों की धनराशि में किसी भी प्रकार की बैठक नहीं हुई और न ही कोई पारदर्शिता दिखाई गई।

ज्ञापन में दी गई आय विवरणी के अनुसार:

  • वर्ष 2021-22 में ₹45,15,464
  • वर्ष 2022-23 में ₹43,30,260
  • वर्ष 2023-24 में ₹94,36,193
  • वर्ष 2024-25 में ₹45,96,489
  • वर्ष 2025-26 में ₹10,26,365

इस पूरे फंड में जमकर भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगाए गए हैं, जिसमें प्रधान, प्रधान प्रतिनिधि और सचिव की मिलीभगत बताई जा रही है। संगठन ने मांग की है कि इन वर्षों में मिली समस्त धनराशि की निष्पक्ष जांच कराई जाए

यूनियन का आरोप है कि ग्राम में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, जबकि विकास के नाम पर मोटी रकम निकाली गई है। लोगों का कहना है कि पैसा सिर्फ आपसी बंदरबांट में खर्च हुआ, और जमीन पर इसका कोई प्रमाण नहीं है।

ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और यूनियन पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस मौके पर मौजूद प्रमुख पदाधिकारी थे:

  • राष्ट्रीय अध्यक्ष: चौधरी उमाशंकर यादव
  • प्रदेश अध्यक्ष पूर्वी: मनीष त्रिपाठी
  • प्रदेश महासचिव: जुबेर अहमद अंसारी
  • प्रदेश सचिव: मनोज वैश्य
  • जिला अध्यक्ष: जयमल सिंह
  • कार्यालय प्रभारी: आदिल खान
  • नगर अध्यक्ष खैराबाद: रियाजुल अंसारी
  • नगर अध्यक्ष: रशीद अंसारी
  • जिला संरक्षक: हरद्वारी लाल कनौजिया
  • मजदूर मोर्चा जिला अध्यक्ष: महेंद्र यादव
  • ब्लॉक अध्यक्ष: संतोष यादव,
  • अन्य पदाधिकारी: आशीष चौहान, रामू रामायणी आदि।

संगठन का कहना है कि यदि शीघ्र जांच कर कार्रवाई नहीं हुई तो यूनियन जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठेगी।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और प्रधान प्रतिनिधियों को जनता के पैसों का हिसाब देना ही होगा।

जय जवान, जय किसान के नारों के साथ यह आंदोलन नई चेतना और जनजागरण की ओर संकेत कर रहा है।

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