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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, पर्व-त्योहारों पर ‘स्वच्छता, सुरक्षा और सतर्कता’ को दी प्राथमिकता

 

स्टेट ब्यूरो हेड — योगेंद्र सिंह यादव ✍️

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था, IGRS, सीएम हेल्पलाइन, आगामी त्योहारों की तैयारियां, धान खरीद और स्वास्थ्य सेवाओं सहित विभिन्न विषयों की समीक्षा की।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और शासन स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, ददरी मेला (बलिया) और गढ़मुक्तेश्वर मेला (हापुड़) जैसे आयोजनों की तैयारियों का विस्तार से जायज़ा लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि —

“आगामी पर्व-त्योहारों पर स्वच्छता, सुरक्षा और सतर्कता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। यह केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का कार्य है। प्रत्येक श्रद्धालु की सुविधा, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों का दायित्व है।”

उन्होंने निर्देश दिए कि स्नान घाटों, मेलों और भीड़भाड़ वाले स्थलों पर किसी भी अराजक या अवांछनीय तत्व की उपस्थिति न होने पाए। पुलिस और प्रशासन को शांति एवं श्रद्धा का वातावरण बनाए रखने के लिए समन्वित रूप से कार्य करना होगा।

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा पर सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेलों और घाटों पर पर्याप्त प्रकाश, फ्लोटिंग बैरियर, CCTV कैमरे, स्वास्थ्य उपकेंद्र, मोबाइल टॉयलेट, खोया-पाया केंद्र और चेंजिंग रूम जैसी सुविधाएं पहले से सुनिश्चित कर ली जाएं।
उन्होंने चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

“नदियों का जलस्तर ऊंचा है और प्रवाह तेज है, इसलिए SDRF और NDRF की सक्रिय तैनाती की जाए। बिना लाइफ जैकेट के किसी को भी नाव चलाने या बोटिंग की अनुमति न दी जाए।”

काशी, अयोध्या, प्रयागराज, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, बदायूं और बलिया जैसे जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि ड्यूटी के दौरान ‘रील’ बनाने वाले पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जाए, ताकि जनसेवा में अनुशासन और मर्यादा बनी रहे।

किसानों के हित में निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीद प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी रहे और किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बिचौलियों की भूमिका स्वीकार्य नहीं होगी।
उन्होंने हाल की वर्षा से प्रभावित फसलों का तत्काल सर्वेक्षण कर मुआवजे का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिए।

अन्य प्रमुख बिंदु

  • अवैध खनन पर रोक के लिए विशेष टीमें गठित की जाएं।
  • गो-आश्रय स्थलों में हर गोवंश को चारा, पानी और उपचार की सुविधा सुनिश्चित हो।
  • आशा, आंगनबाड़ी, रसोइया और मानदेय पर कार्यरत कर्मियों को हर माह समय पर भुगतान किया जाए।

विकसित उत्तर प्रदेश @2047

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी अभियान के तहत अब तक 72 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। जौनपुर, गाजीपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, बिजनौर, गोरखपुर, बरेली, सोनभद्र और गोंडा जैसे जिलों से बड़ी संख्या में लोगों ने विकास संबंधी विचार साझा किए हैं।

उन्होंने कहा कि —

“यह अभियान जनता की सहभागिता से ही सफल होगा। प्रदेश के विकास का रोडमैप जनता के सुझावों से और अधिक सशक्त बनेगा।”

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनभागीदारी, सुरक्षा और सुशासन के प्रति यह पहल प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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