लखनऊ रहीमाबाद, बेहसा, भक्तिखेड़ा, चिल्लावा और आसपास के गांवों के किसान अमौसी एयरपोर्ट के विस्तार के लिए उनकी जमीनों पर बिना उचित मुआवजा दिए कब्जा करने के विरोध में 100 दिनों से आंदोलनरत हैं। किसानों का आरोप है कि 1948 और 1951 में भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बावजूद, अधिकांश किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। हाल ही में, एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा बाउंड्री वॉल निर्माण के प्रयासों का किसानों ने विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं।
भारतीय किसान मजदूर यूनियन (दशहरी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मनीष यादव, किसानों के इस आंदोलन में सक्रिय रूप से समर्थन दे रहे हैं। उनका संगठन 2017 में स्थापित हुआ था, जिसका उद्देश्य भारतीय किसानों और मजदूरों को एकजुट कर उनकी समस्याओं का समाधान करना है।
किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी से कई बार भूमि अधिग्रहण के आदेशों की जानकारी मांगी गई, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला है। किसान अपने हक के लिए संघर्षरत हैं और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया है।
किसानों का कहना है कि 15 अक्टूबर तक का समय एयरपोर्ट प्रशासन ने दिया था, लेकिन उससे पहले ही निर्माण शुरू करा दिया।
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