मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर मौनी अमावस्या के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण झांसी से प्रयागराज जा रही कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन पर पथराव का मामला सामने आया है। यह घटना बीते रविवार रात करीब दो बजे की है, जब ट्रेन हरपालपुर स्टेशन पर रुकी।
घटना का कारण
ट्रेन में पहले से सवार यात्रियों ने सुरक्षा के लिहाज से कोच के दरवाजे अंदर से बंद कर लिए थे, ताकि बाहर मौजूद भीड़ ट्रेन में चढ़ न सके। जब प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों ने गेट खोलने को कहा, तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे गुस्साए यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और पथराव करने लगे। इस दौरान ट्रेन के कई कोच के शीशे टूट गए, जिससे अंदर बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
घटना का विवरण
पथराव और भगदड़: गुस्साई भीड़ ने ट्रेन के शीशे तोड़ दिए और पत्थर फेंकने लगे। इस वजह से अंदर बैठे यात्रियों में भगदड़ मच गई।
स्थानीय लोगों का आक्रोश: ट्रेन में जगह न मिलने और गेट न खुलने के कारण श्रद्धालुओं ने रेलवे प्रशासन पर नाराजगी जताई। कुछ लोगों ने प्लेटफॉर्म पर हंगामा भी किया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने भीड़ को शांत करने के लिए समझाइश दी और ट्रेन को रवाना करवाया।
रेलवे मंडल झांसी के पीआरओ मनोज सिंह ने बताया कि प्रयागराज जाने के लिए भारी भीड़ जमा थी। कई महिलाएं और पुरुष गेट खोलने की मांग कर रहे थे। गेट बंद होने की वजह से स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
अन्य स्थानों पर भी हंगामा
यह पथराव सिर्फ हरपालपुर तक सीमित नहीं था। खजुराहो और छतरपुर स्टेशन पर भी यात्रियों द्वारा गेट बंद होने को लेकर नाराजगी जताई गई और हंगामा किया गया।
मौनी अमावस्या और कुंभ मेले का असर
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जिस दिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज में संगम में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों से कई गुना अधिक बढ़ जाती है। रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं, लेकिन अक्सर भीड़ का सही प्रबंधन न होने के कारण इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं।
घटना के प्रभाव
1. रेलवे संपत्ति को नुकसान: पथराव के कारण ट्रेन के कई कोच के शीशे टूट गए।
2. यात्रियों में डर: अंदर बैठे यात्रियों को अचानक हुई इस घटना से दहशत का सामना करना पड़ा।
3. यातायात प्रभावित: ट्रेन को देरी से रवाना करना पड़ा, जिससे अन्य गाड़ियों का शेड्यूल भी प्रभावित हुआ।
आवश्यक कदम
1. यात्रियों की जागरूकता: इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यात्रियों को संयम बरतने की जरूरत है।
2. सुरक्षा बलों की तैनाती: रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अधिक सुरक्षा बल तैनात किए जाने चाहिए।
3. विशेष इंतजाम: रेलवे को कुंभ मेले जैसे आयोजनों के लिए पहले से ही ठोस योजना बनानी चाहिए, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
निष्कर्ष
यह घटना प्रशासन और जनता दोनों के लिए एक चेतावनी है। श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर समन्वय और व्यवस्था की जरूरत है। कुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान रेलवे को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी अप्रिय घटनाएं दोबारा न हों।
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