शाहजहांपुर से योगेंद्र सिंह यादव की विशेष रिपोर्ट
अक्षय तृतीया के अवसर पर जनपद शाहजहांपुर में चलाया गया जनजागरूकता अभियान
नाबालिग विवाह रोकने के लिए विद्यार्थियों को दिलाई गई शपथ
कानूनी प्रावधानों और सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
अक्षय तृतीया जैसे पावन पर्व पर जहां एक ओर लोग धार्मिक अनुष्ठानों में लीन रहे, वहीं जनपद शाहजहांपुर में इस अवसर का उपयोग एक सामाजिक बुराई—बाल विवाह—के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने के लिए किया गया।
महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष अभियान का संचालन मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशन तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री गौरव मिश्रा के मार्गदर्शन में किया गया। इसका उद्देश्य था समाज में आज भी जारी बाल विवाह जैसी कुप्रथा के विरुद्ध जागरूकता उत्पन्न करना।
मदरसा नुरुल हुदा में छात्राओं को किया गया जागरूक
मदरसा नुरुल हुदा में आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा ने छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है, जो बच्चों के मानसिक, शारीरिक एवं शैक्षिक विकास में गंभीर बाधा उत्पन्न करता है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे स्वयं आत्मनिर्भर और शिक्षित बनें, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें, और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को न सिर्फ नकारें, बल्कि उसके विरुद्ध आवाज भी उठाएँ।
राजकीय इंटर कॉलेज में कानूनी जानकारी के साथ दिलाई गई शपथ
इसी कड़ी में राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में जिला मिशन कोऑर्डिनेटर अमृता दीक्षित ने बाल विवाह के दुष्परिणामों और उससे संबंधित कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने बाल विवाह को दंडनीय अपराध घोषित किया है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत—
- लड़कों के लिए न्यूनतम विवाह आयु 21 वर्ष
- लड़कियों के लिए न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष निर्धारित है।
- इस कानून का उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक की सजा, ₹1,00,000 तक जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
कार्यक्रम के दौरान अमृता दीक्षित ने सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलाई कि वे स्वयं न बाल विवाह करेंगे और न ही किसी को करने देंगे। यदि कहीं भी ऐसी घटना घटित होती है तो वे तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों या हेल्पलाइन नंबरों पर देंगे।
महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर:
- 1098 – चाइल्ड लाइन
- 181 – महिला हेल्पलाइन
- वन स्टॉप सेंटर – तत्काल सहायता केंद्र
सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की भी दी गई जानकारी
साथ ही कार्यक्रम में सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गई, जैसे—
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
- स्पॉन्सरशिप योजना
- निराश्रित महिला पेंशन योजना
- वृद्धा पेंशन योजना
- दिव्यांग पेंशन योजना
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना
इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्रों की सक्रिय सहभागिता
इस जनजागरूकता अभियान में विद्यालय के प्राचार्य श्री अनिल कुमार, तथा अध्यापकगण महेंद्र कुमार सिंह, राजीव श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार अवस्थी, प्रेम शंकर सक्सेना, निधि प्रज्ञा, सुनीता मिश्रा सहित विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं छात्रगण उपस्थित रहे। सभी ने बाल विवाह जैसी बुराई के विरुद्ध मिलकर लड़ने का संकल्प लिया।
निष्कर्ष:
यह पहल न सिर्फ छात्र-छात्राओं को जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज में व्याप्त एक पुरानी कुरीति को जड़ से मिटाने की प्रेरणा भी देती है। ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता ही बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध ठोस लड़ाई का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
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