विशेष संवाददाता लखनऊ
लखनऊ।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है, और अब इस पर राजनीति भी गर्मा गई है। सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति का प्रतीक बताया है।
डॉ. सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखते हुए कहा कि जब पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, तब सपा प्रमुख अभी भी "सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और घृणित वोटबैंक राजनीति" में उलझे हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिवार से संवेदना जताने से इंकार करना और मुख्तार अंसारी के घर जाना क्या दोहरे चरित्र का उदाहरण नहीं है?
डॉ. सिंह ने यह भी याद दिलाया कि वर्ष 2013 में अखिलेश सरकार ने 21 खूंखार आतंकियों के मुकदमे वापस लेने की कोशिश की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, "क्या आप आतंकियों को पद्म भूषण देने वाले थे?"
उन्होंने सपा प्रमुख की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सर्वदलीय बैठक में शामिल क्यों नहीं हुए? सेना की रणनीतियों पर उंगली उठाने वाले अखिलेश आतंकियों के लिए कठोर सज़ा की मांग करना क्यों भूल गए?
डॉ. सिंह ने कहा कि जब राष्ट्र एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई चाहता है, तब "सपा जैसी पार्टियाँ देश को बांटने का काम कर रही हैं। लेकिन देश की जनता सब देख रही है और समय आने पर करारा जवाब देगी।"
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