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गर्मी शुरू होते ही चरमराई बिजली व्यवस्था, ग्रामीणों ने उठाए बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

काल्पनिक चित्र 

रिपोर्ट: कल्लू उर्फ रजनीश 

लखनऊ। जैसे ही गर्मी का मौसम अपने चरम पर पहुंचा, राजधानी लखनऊ के ग्रामीण इलाकों — काकोरी, सरोसा, दुबग्गा, बसंत कुंज, रहमानखेड़ा, एफसीआई, फतेहगंज और शकुंतला समेत कई उपकेंद्रों के अंतर्गत आने वाले गांवों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने लगी है। इससे स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग को यह भली-भांति ज्ञात था कि गर्मी में विद्युत आपूर्ति को लेकर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा, इसके बावजूद किसी प्रकार की पूर्व तैयारी नहीं की गई। जरा सी आंधी या मौसम में बदलाव होते ही घंटों बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों के तीखे सवाल —

  1. गर्मी आने से पहले बिजली व्यवस्था दुरुस्त क्यों नहीं की गई?
  2. जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी बिजली व्यवस्था को लेकर गंभीर क्यों नहीं?
  3. हर साल तीन मौसमों में बिजली की स्थिति क्यों बिगड़ती है, समाधान क्यों नहीं किया जाता?
  4. गर्मी में घंटों बिजली गुल रहने से पानी की समस्या विकराल हो जाती है, जिम्मेदार मौन क्यों हैं?
  5. सरकार द्वारा 24 घंटे बिजली देने का दावा जमीनी हकीकत से क्यों मेल नहीं खाता?
  6. ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक बिजली कटौती क्यों होती है? क्या अधिकारी एसी कमरों से बाहर निकलना नहीं चाहते?

ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं। अधिकांश कार्य सिर्फ कागजों पर ही होते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि कई गांवों में दिन में 4 से 8 घंटे तक बिजली गुल रहती है।

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि विभागीय अधिकारी गर्मी में फील्ड में निकलने से कतराते हैं, जिससे समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। बिजली कटौती से ग्रामीण दिनभर खेतों में मेहनत करने के बाद रात में भी चैन की नींद नहीं ले पा रहे।

ग्रामीणों की नाराजगी बिजली विभाग के निचले स्तर से लेकर उच्च अधिकारियों तक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। सवाल ये उठता है कि क्या सरकार के निर्देशों और भारी भरकम बजट के बावजूद भी बिजली विभाग की कार्यशैली सुधरेगी, या फिर इस बार भी ग्रामीणों को अंधेरे में ही गर्मी बितानी पड़ेगी?

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