Hot Posts

6/recent/ticker-posts

राष्ट्रीय लोक अदालत में 80108 वादों का निस्तारण, 7.25 करोड़ से अधिक की धनराशि वसूल

ब्यूरो चीफ: योगेंद्र सिंह यादव, शाहजहांपुर

शाहजहांपुर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक कार्यवाही के साथ समाजसेवा और पुनर्वास के उदाहरण भी देखने को मिले। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहजहांपुर के तत्वाधान में आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 80108 वादों का निस्तारण किया गया और विभिन्न मदों में कुल 7.25 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वसूल की गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विष्णु कुमार शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री रूपेश रंजन, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव, अपर जिला जज श्री सुदीप कुमार जायसवाल, सचिव श्री ओम प्रकाश मिश्र (तृतीय) सहित न्यायिक अधिकारी, बैंक प्रतिनिधि, अधिवक्ता और कर्मचारी मौजूद रहे।

वादों का विवरण व निस्तारण:

  • कुल 80108 वादों का निस्तारण हुआ, जिनमें:
    • न्यायालयों में विचाराधीन 9009 वादों से ₹1,99,09,058 जुर्माना वसूला गया।
    • 68091 राजस्व वादों का निस्तारण किया गया।
    • 2310 ऑनलाइन चालान मामलों से ₹16,65,500 का शमन शुल्क वसूला गया।
    • 692 प्री-लिटिगेशन वादों में ₹4,90,79,800 की ऋण धनराशि का समझौता कराया गया।

पुराने मामलों का समाधान:

  • 14 पुराने वादों का निस्तारण हुआ, जिनमें वर्ष 1996, 2002, 2004, 2006, 2016, 2019, 2020 तक के वाद शामिल रहे।
  • अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम सुश्री प्रतिभा प्रथम ने 5 साल पुराने 5 फौजदारी वादों का निस्तारण किया।
  • सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट संख्या-41 श्रीमती निधि माधव कुरील ने वर्ष 1996 के एक मामले का निस्तारण किया।

महत्वपूर्ण निर्णय:

  • पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण श्री रूपेश रंजन ने 23 मामलों में ₹1,24,15,000 मुआवजा दिलाने के आदेश दिए।
  • पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव ने 40 फौजदारी और 14 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया।

उत्पाद प्रदर्शनी और पुनर्वास प्रयास:

राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला कारागार, राजकीय बालगृह (बालक और शिशु) व राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) के बंदियों व बालकों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें कपड़े, बैग, पेंटिंग, पूजा सामग्री, गमले, चिड़िया, शिशा व सजावटी वस्तुएं आदि शामिल थीं। इन स्टॉलों का उद्घाटन जनपद न्यायाधीश श्री विष्णु कुमार शर्मा ने किया और उत्पादों की सराहना करते हुए भविष्य में ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।

न्यायाधीशों का योगदान:

  • श्रीमती नेहा आनंद (अपर जिला जज) ने 248 विद्युत अधिनियम के वादों का निस्तारण किया।
  • मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने 2410 वादों का निस्तारण करते हुए ₹2,32,350 की वसूली की।
  • अन्य न्यायिक अधिकारियों द्वारा भी सैकड़ों वादों का निस्तारण किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक कार्यों के साथ-साथ समाज कल्याण और पुनर्वास के कार्यों ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया। इस आयोजन ने न्यायिक तंत्र की संवेदनशीलता और तत्परता को भी उजागर किया।

Post a Comment

0 Comments