संवाददाता: जहीन खान ✍️
हरदोई/लखनऊ। राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ एक प्रसूता महिला की बिना अनुमति नसबंदी कर दी गई। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर KGMU के तत्कालीन कुलपति समेत चार डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
घटना साल 2022 की है, जब हरदोई निवासी एक महिला 4 अक्टूबर को डिलीवरी के लिए केजीएमयू में भर्ती हुई थी। ऑपरेशन से बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन इलाज के दौरान ही नवजात की मृत्यु हो गई। इस बीच, महिला के पति हेमवती नंदन ने बताया कि उनसे डॉक्टरों ने नसबंदी के लिए लिखित सहमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखित इनकार कर दिया था। इसके बावजूद, डॉक्टरों ने बिना अनुमति नसबंदी कर दी, जिससे उनका परिवार हमेशा के लिए अधूरा रह गया।
पीड़ित परिवार ने पहले KGMU प्रशासन में शिकायत की, फिर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। न्याय न मिलता देख आखिरकार पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज की गई।
FIR में नामजद जिन डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, वे हैं:
- तत्कालीन कुलपति, KGMU
- डॉ. अमिता पांडे, क्वीन मैरी अस्पताल
- डॉ. मोनिका अग्रवाल
- डॉ. निदा खान
- डॉ. शिवानी
FIR हरदोई जिले की चौक कोतवाली में दर्ज की गई है, और पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।
पीड़ित हेमवती नंदन ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की इस लापरवाही ने उनकी ‘पिता बनने’ और उनकी पत्नी की ‘माता बनने’ की उम्मीदें छीन लीं, जो अब कभी पूरी नहीं हो सकतीं।
यह मामला न केवल चिकित्सीय लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, बल्कि एक परिवार के संवैधानिक अधिकारों और निजता के उल्लंघन से भी जुड़ा हुआ है।
मामले ने प्रदेशभर में चिकित्सा संस्थानों की जवाबदेही और महिला अधिकारों की रक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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