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गांवों के विद्यालयों को बंद करने की नीति के विरोध में जन अधिकार पार्टी ने सौंपा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन, बच्चों की शिक्षा बचाने को लेकर जिलाधिकारी शाहजहाँपुर के माध्यम से जताई गंभीर चिंता

स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहाँपुर, 26 जुलाई। जन अधिकार पार्टी की शाहजहाँपुर इकाई ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा छात्र संख्या के आधार पर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने या मर्ज करने की नीति का कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।

जिला अध्यक्ष राजवीर सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संचालित 27200 से अधिक विद्यालयों में से, जिनमें 50 से कम छात्र हैं, उन्हें बंद या अन्य विद्यालयों में मर्ज किया जा रहा है। इससे गांवों के गरीब, किसान व मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें 2 से 5 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।

ज्ञापन में इसे शिक्षा के अधिकार और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन बताया गया है। प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि सरकार चाहे तो बंद किए जा रहे विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के ज़रिए छात्र संख्या में वृद्धि की जा सकती है। मगर क्लोजर और मर्जर की नीति से देश के कमजोर वर्ग के बच्चे शिक्षा से कटते जा रहे हैं, जिससे देश का भविष्य प्रभावित होगा।

प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन के तहत सौंपे गए इस ज्ञापन में राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया कि वे उत्तर प्रदेश सरकार को विद्यालयों के बंदीकरण और विलय की नीति पर रोक लगाने का आदेश दें और बंद हो चुके विद्यालयों को पुनः प्रारंभ कराने के निर्देश जारी करें।

इस दौरान पार्टी के जिला प्रभारी हसाम सिंह कुशवाहा, बीरेन्द्र कुशवाहा, धर्मेंद्र सुधीर, शिवा मौर्य, शिवकलश, सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

जन अधिकार पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष गरीबों, किसानों और श्रमिकों के बच्चों के शिक्षा अधिकार की रक्षा के लिए है, जिसे किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा।

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