स्टेट ब्यूरो हेड: योगेन्द्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर। कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजस्व वाद, अंश निर्धारण, भूमि आवंटन, वसूली और शिकायत निस्तारण जैसे विषयों पर गहन समीक्षा की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने तहसीलवार आरसी (वसूली प्रमाण पत्र) के सापेक्ष राजस्व वसूली की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए राजस्व वसूली में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लंबित अंश निर्धारण मामलों का शीघ्र निस्तारण लेखपालों के साथ समन्वय बनाकर किया जाए और कोई भी आवेदन निर्धारित समय सीमा के बाद लंबित नहीं रहना चाहिए।
जिलाधिकारी ने भूमि आवंटन संबंधी कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी तहसीलदारों को भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव शीघ्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि 31 जुलाई तक मत्स्य पालन व कुम्हारी कला के लिए तालाबों का शत-प्रतिशत आवंटन पूरा किया जाना चाहिए।
जन सुनवाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी उप जिलाधिकारी व तहसीलदार प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 10:00 से दोपहर 12:00 बजे तक अनिवार्य रूप से कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की समस्याएं सुनें।
उन्होंने कार्यालय अनुशासन को लेकर भी सख्ती दिखाते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी तीन दिन देर से पहुंचता है, तो उसका एक दिन का वेतन काटा जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि यदि कोई शिकायतकर्ता दो बार तहसील में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी निस्तारण न होने पर तीसरी बार सीधे जिलाधिकारी कार्यालय आता है, तो संबंधित अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पैमाइश और कब्जा संबंधी शिकायतों पर विशेष ध्यान देने और त्वरित कार्रवाई के निर्देश भी बैठक में दिए गए। 5 वर्ष या 3 वर्ष से अधिक समय से लंबित राजस्व वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने को कहा गया।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रजनीश कुमार मिश्र, सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाकर जनता को त्वरित और पारदर्शी सेवा देना ही शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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