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स्कूल विलय आदेश के विरोध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की पुनर्विचार की मांग, कहा—बच्चों का भविष्य हो रहा है अंधकारमय

स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर। ब्लॉक जलालाबाद के ग्राम रमापुर बड़झेडा के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए अपने विद्यालय को पुनः संचालित किए जाने की मांग की है। सोमवार को जनता दर्शन के दौरान ग्रामीणों ने प्रार्थना पत्र सौंपते हुए कहा कि स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है और उनका भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम रमापुर बड़झेडा में स्थित प्राथमिक विद्यालय (यू-डायस कोड 09220302102) को, शासन के उस आदेश के तहत, बंद कर दिया गया जिसमें 50 से कम नामांकित छात्रों वाले विद्यालयों को नजदीकी विद्यालय में मर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि उनके विद्यालय में कुल 51 छात्र नामांकित हैं, और फिर भी स्कूल को पीएस रमापुर बड़झेडा (यू-डायस कोड 09220302101) में सम्मिलित कर दिया गया है, जो लगभग दो किलोमीटर दूर स्थित है।

ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि नया विद्यालय न केवल दूर है, बल्कि वहां तक जाने का रास्ता गन्ने के खेतों और नदी के बीच से होकर गुजरता है, जो छोटे बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से ग्रामीणों के छोटे-छोटे बच्चे विद्यालय जाने से वंचित हो सकते हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

इस प्रकरण में ग्राम प्रधान पविचीनंत, ग्रामीण रिपबहादुर, साहदेश और जसवीर सिंह (पीटीए प्रतिनिधि) ने हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपते हुए दिनांक 23 जुलाई 2025 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश को निरस्त करने की मांग की। उन्होंने निवेदन किया कि विद्यालय को पूर्व की भांति यथावत रखा जाए और बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान न आने दिया जाए।

ग्रामीणों ने कहा कि यदि इस पर शीघ्र कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो वे सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

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