स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍️
शाहजहांपुर। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) श्री अरविंद कुमार, उपजिलाधिकारी सदर, तहसीलदार सदर एवं अन्य राजस्व स्टाफ द्वारा 17 अगस्त को तहसील सदर अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों – नागरिया मोड़, सुभाषनगर, सहवेगपुर, ककरा, अजीजगंज टाम एवं बाईपास गर्रा पुल आदि स्थलों का गहन भ्रमण किया गया। यह भ्रमण गर्रा नदी के बढ़ते जलस्तर के परिप्रेक्ष्य में किया गया।
अपर जिलाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि 14 एवं 15 अगस्त 2025 को दूनी बैराज से 40 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण गर्रा नदी का जलस्तर बढ़ा है। वर्तमान में गर्रा नदी का जलस्तर खतरे के स्तर 148.800 मीटर के सापेक्ष 147.300 मीटर है, जो लगभग 1.500 मीटर नीचे है। बीती रात 12 बजे से अब तक जलस्तर में वृद्धि की दर धीमी हुई है। इसी प्रकार खन्नौत नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से 1.700 मीटर नीचे दर्ज किया गया है।
उन्होंन आगे बताया कि वर्तमान में गर्रा नदी का पानी तिलहर तहसील के खुदागंज क्षेत्र के चित्आबोधि एवं बुनड्डा गांव की ओर बढ़ रहा है, जबकि बिसलपुर एवं पीलीभीत क्षेत्र में जलस्तर में कमी आनी शुरू हो गई है। तहसील सदर के किसी भी गांव में अभी तक बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी है।
प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई कि कल रात 12 बजे से ही सभी अधिकारी, राजस्व स्टाफ तथा आपदा मित्र विभिन्न स्थानों पर सक्रिय ड्यूटी पर तैनात हैं। राजस्व लेखपाल, राजस्व निरीक्षक व अन्य स्टाफ तथा आपदा मित्रों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की जा रही निगरानी सराहनीय है।
इसी प्रकार गंगा नदी का जलस्तर घट रहा है, जबकि रामगंगा नदी में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई है। तहसील कलान के बाढ़ प्रभावित परिवारों को अब तक लगभग 1300 राशन किट वितरित किए जा चुके हैं। तहसील जलालाबाद का ग्राम कसारी रामगंगा नदी से प्रभावित हुआ है, जहाँ लगभग 500 बाढ़ राहत किट उपलब्ध कराई गई हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 40 नाव (मैनुअल) एवं 12 मोटरबोट लगातार संचालित की जा रही हैं। बाढ़ राहत शिविर एवं बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। SDRF एवं PAC फ्लड टीम भी मौके पर तैनात है। प्रशासन द्वारा संबंधित सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है।
अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) ने जनपदवासियों से अपील की है कि किसी भी आपात स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है। राहत एवं बचाव कार्य हेतु सभी संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और प्रशासन हर स्थिति पर सतत नज़र बनाए हुए है।
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