स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लगातार ठोस कदम उठा रही है। कृषि यंत्रों, सिंचाई साधनों, खाद और बीज जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी कड़ी में सहकारी कृषि निवेश योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को उनकी आवश्यकता अनुसार उच्चकोटि के उर्वरक और प्रमाणित बीज समय पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे फसलोत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्ष 2024-25 की उपलब्धियाँ
- उर्वरक वितरण: 41.37 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 34.70 लाख मीट्रिक टन वितरण, जो 83.87% है।
- प्रमाणित बीज: 9,062 कुंतल लक्ष्य के विरुद्ध 7,870.3 कुंतल बीज उपलब्ध और शत-प्रतिशत वितरण।
- नैनो उर्वरक: 93.58 लाख बोतल लक्ष्य के सापेक्ष 49.79 लाख बोतल उपलब्ध और 12.01 लाख बोतल का वितरण।
खरीफ अभियान 2025-26 (1 अप्रैल–30 सितम्बर 2025)
- यूरिया: 9.62 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य, उपलब्धता 14.27 लाख मीट्रिक टन, वितरण 11.60 लाख मीट्रिक टन।
- फॉस्फेटिक उर्वरक: 5.08 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य, उपलब्धता 6.69 लाख मीट्रिक टन, वितरण 3.56 लाख मीट्रिक टन।
- नैनो यूरिया: 29.40 लाख बोतल लक्ष्य, उपलब्धता 16.74 लाख बोतल, वितरण 1.73 लाख बोतल।
- नैनो डीएपी: 15.50 लाख बोतल लक्ष्य, उपलब्धता 7.34 लाख बोतल, वितरण 0.90 लाख बोतल।
वित्तीय प्रावधान
वित्तीय वर्ष 2024-25 में रासायनिक उर्वरकों के पूर्व भंडारण योजना के तहत ₹170 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई। 31 मार्च 2025 तक ₹114.68 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति जारी कर संबंधित संस्थाओं और समितियों को भुगतान कर दिया गया है।
प्रभाव
- किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराए गए।
- फसलोत्पादन में निरंतर वृद्धि, जिससे किसानों की आय में सुधार हुआ।
- कृषि कार्यों में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिला।
सहकारिता विभाग का यह प्रयास किसानों के लिए सुरक्षित और सतत कृषि उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरक और बीजों की उपलब्धता से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ी है, बल्कि प्रदेश के किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित हुआ है।
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