ब्यूरो चीफ: अतुल पटेल, उन्नाव ✍️
उन्नाव।
विकासखंड गंजमुरादाबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत महोलिया में करोड़ों रुपये के सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार, फर्जी भुगतान और अवैध मिट्टी खनन के आरोपों की जांच भले ही हो चुकी है, लेकिन अब वह फाइलें प्रशासनिक “ठंडी तिजोरी” में दबकर रह गई हैं।
ग्राम पंचायत में हुए गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी अब तक किसी ठोस कार्रवाई से बचते नजर आ रहे हैं।
⚖️ महिला प्रधान पर मिट्टी खनन का आरोप साबित — जुर्माना लगा, कार्रवाई गायब
ग्राम प्रधान शशि देवी (पत्नी अश्वनी कुमार) को अवैध मिट्टी खनन प्रकरण में जांच अधिकारी ने दोषी पाया।
मौके पर की गई जांच में सरकारी भूमि से अवैध मिट्टी उठाने और खनन कराने की पुष्टि हुई। इस पर प्रधान पर जुर्माना भी लगाया गया,
पर हैरानी की बात है कि अन्य वित्तीय अनियमितताओं पर प्रशासन मौन है।
ग्रामीणों ने सवाल उठाया —
“जब खनन प्रकरण में दोषी पाए जाने पर जुर्माना लग सकता है, तो बाकी मामलों में चुप्पी क्यों?”
📌 शिकायत में उठाए गए 8 गंभीर बिंदु
1️⃣ बिना अनुमति के हैंडपंप निर्माण व मरम्मत कार्य
2️⃣ सरकारी भूमि पर कब्जा
3️⃣ समिति स्वीकृति बिना फर्जी भुगतान
4️⃣ निर्माण सामग्री का दुरुपयोग
5️⃣ नाली व जलनिकासी कार्यों में मनमानी
6️⃣ राजस्व भूमि को निजी भूखंड में मिलाना
7️⃣ ग्राम निधि से अवैध भुगतान
8️⃣ भू-प्रबंधन समिति के प्रस्तावों की अनदेखी
इन बिंदुओं पर शिकायतकर्ता जितेंद्र कुमार बजरंगी पुत्र स्व. रामखेलावन ने जिलाधिकारी से विस्तृत जांच की मांग की थी,
लेकिन अधिकारियों ने सिर्फ औपचारिकता निभाई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
‘छोट भैया नेता’ के आगे प्रशासन झुका!
गाँव में चर्चा है कि एक ‘दल बदलू छोट भैया नेता’ का इतना दबदबा है कि अफसर उनके नाम से ही “रिपोर्ट हल्की” लिखते हैं।
ग्रामीणों का आरोप है —
“यहाँ नेता बोलता है तो फाइल रुक जाती है, अफसर सिर झुका लेते हैं!”
❗ ग्रामीणों में आक्रोश — “अब या तो कार्रवाई, वरना आंदोलन”
गाँव के बुजुर्ग रामपाल यादव ने कहा —
“जुर्माना लगने के बाद भी अपराधी खुले घूम रहे हैं — प्रशासन खुद कटघरे में है।”
ग्रामीणों ने एलान किया है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की,
तो वे विकास भवन और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे।
जनता की मांग —
“हम केवल जांच नहीं, न्याय चाहते हैं।
दोषियों पर एफआईआर हो और हर रुपये की वसूली की जाए।”
(विशेष रिपोर्ट — ब्यूरो चीफ अतुल पटेल, उन्नाव ✍️)
“महोलिया की मिट्टी अब सवाल उगल रही है — जवाब देना प्रशासन को पड़ेगा।”
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