स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
लखनऊ, 12 अक्टूबर 2025।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में “जल जीवन मिशन–हर घर नल योजना” की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जल निगम तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि —
“हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह केवल पेयजल आपूर्ति का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-स्वास्थ्य, महिलाओं की गरिमा और ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता से जुड़ा मिशन है।”
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश:
- विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के हर घर में नल से स्वच्छ जल की आपूर्ति 15 दिसम्बर 2025 तक सुनिश्चित की जाए।
- इस अवधि तक सभी कनेक्शन लगाने के साथ-साथ थर्ड पार्टी ऑडिट भी पूर्ण किया जाए।
- फेज-2 और 3 की जो परियोजनाएं 90% तक पूर्ण हैं, उन्हें फेज-1 के अनुरूप 15 दिसम्बर 2025 तक पूरा किया जाए।
- 75% पूर्ण हो चुके कार्यों का लक्ष्य मार्च 2026 तक पूरा करने का रखा गया है।
- परियोजनाओं की समय-सीमा और गुणवत्ता दोनों पर किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी और कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने एजेंसियों से ली जानकारी:
बैठक में एनसीसी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, मेघा इंजीनियरिंग, पीएनसी इन्फ्राटेक, आईसी इन्फ्रा, पावर मैक तथा कल्पतरु प्रोजेक्ट्स जैसी एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने एजेंसियों से फील्ड में आने वाली चुनौतियों, कार्य की प्रगति, गुणवत्ता, भुगतान और समय-सीमा को लेकर विस्तृत चर्चा की और निर्देश दिए कि सभी कार्य तय समय में पूर्ण हों।
राज्य में अब तक की प्रगति:
- ₹90,223 करोड़ की लागत से राज्यभर में जल जीवन मिशन की विभिन्न परियोजनाएँ संचालित हैं।
- इनमें 63 सतही स्रोत आधारित और 548 भूजल स्रोत आधारित योजनाएँ शामिल हैं।
- अब तक 85,364 गाँवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।
- वर्तमान में 34,274 गाँवों में नियमित जलापूर्ति की जा रही है।
शिकायत निवारण प्रणाली:
राज्य द्वारा विकसित जल समाधान पोर्टल https://jalsamadhan.in को अब तक 13.5 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है।
इस पोर्टल पर 62,688 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 46,354 का निस्तारण किया जा चुका है।
साथ ही, टोल-फ्री नंबर 1800-121-2164 के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं।
केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर विचार:
बैठक में यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की अवधि दिसम्बर 2028 तक बढ़ाने और परियोजना लागत में वृद्धि का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है।
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