स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहांपुर, 14 अक्टूबर, 2025 - उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से एक प्रमुख केंद्र (हब) के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियों और रणनीतिक पहलों के कारण यह परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, जो ई-गवर्नेंस, डिजिटल सेवाओं और विनिर्माण को बढ़ावा देते हैं। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, यह स्पष्ट है कि जिन देशों ने इन क्षेत्रों को विकसित किया है, वे आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं।
निवेश को बढ़ावा देने वाली प्रमुख नीतियां:
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कई प्रभावी नीतियां लागू की हैं। इनमें प्रमुख हैं:
* उ.प्र. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2020 (संशोधित)
* उ.प्र. डेटा सेंटर नीति-2021 (संशोधित)
* उ.प्र. स्टार्टअप नीति-2020 (संशोधित)
* उ.प्र. सेमीकंडक्टर नीति-2024
* उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी एवं सू.प्रौ. जनित सेवा नीति-2022
इन नीतियों में पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष रूप से आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन दिए गए हैं, साथ ही महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांगजनों के हितों का भी ध्यान रखा गया है।
सेमीकंडक्टर और कंपोनेंट विनिर्माण में पहल
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश देश का चौथा राज्य है जिसने स्वतंत्र सेमीकंडक्टर नीति-2024 प्रख्यापित की है। इस नीति के तहत, प्रथम वर्ष में ही टॉर्क सेमीकंडक्टर्स (₹28,440 करोड़) और वामासुंदरी इन्वेस्टमेंट्स (₹3,706.12 करोड़) की दो बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है।
इसके अलावा, सरकार की उ.प्र. इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 को भी मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है।
आई.टी. कंपनियों का बढ़ता विश्वास:
प्रदेश में स्थापित/स्थापनाधीन प्रमुख निवेशकों में माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस, पेटीएम, एचसीएल, विप्रो, सैमसंग, एलजी, डिक्सन, क्वालकॉम, एनवीडिया, अडाणी, योट्टा (हीरानन्दानी समूह) और वामासुंदरी सेमीकंडक्टर जैसी विश्व की अग्रणी कंपनियाँ शामिल हैं।
निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि और रोजगार:
* उत्तर प्रदेश से सूचना प्रौद्योगिकी/सू.प्रौ. जनित सेवा का निर्यात 2015 में ₹15,000 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹75,000 करोड़ से अधिक हो गया है, जो 16% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज कर रहा है।
* पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी नीति (2017-2022) के तहत लगभग ₹5,584 करोड़ का निवेश आया, जिससे लगभग 53,000 रोजगार के अवसर सृजित हुए।
टियर-2 शहरों तक विस्तार:
आई.टी. क्षेत्र का विकास अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) से आगे बढ़कर लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी जैसे टियर-2 शहरों तक विस्तृत हो गया है। भारत सरकार के सहयोग से नोएडा, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और आगरा में आईटी पार्क संचालित हैं, जबकि वाराणसी, बरेली और गोरखपुर में नए एसटीपीआई केंद्र विकसित किए जा रहे हैं।
नई नीतियों के तहत, आई.टी. और आईटीईएस क्षेत्र को "उद्योग" का दर्जा दिया गया है, जिससे कंपनियों को औद्योगिक दर पर भूमि उपलब्ध हो सकेगी। इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश न केवल आई.टी. सेवाओं का केंद्र बन रहा है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोल रहा है।
0 Comments