स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश के पते पर पंजीकृत उन राजनीतिक दलों की सुनवाई की, जिन्होंने पिछले 06 वर्षों में आयोजित लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाग लेने के बावजूद निर्धारित समय सीमा तक वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट, अंशदान रिपोर्ट और निर्वाचन व्यय विवरणी आयोग को प्रस्तुत नहीं की थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रत्येक दल द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों का गहन परीक्षण किया और मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या, वर्तमान पता एवं ईमेल की जानकारी का सत्यापन किया।
प्रमुख बिंदु:
- 127 पंजीकृत दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
- सोमवार की सुनवाई में 30 दलों में से 16 दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे और उन्होंने अपने दल की 2021-22, 2022-23 व 2023-24 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी प्रस्तुत की।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी दलों को आवश्यक नियमों की जानकारी दी:
- लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के बाद आय-व्यय का विवरण क्रमशः 90 और 75 दिनों के भीतर देना अनिवार्य।
- प्रति वर्ष 30 सितंबर तक अंशदान रिपोर्ट और 31 अक्टूबर तक ऑडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य।
- 20,000 रुपये से अधिक अंशदान प्राप्त होने पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
- दलों को अपने ईमेल, मोबाइल नंबर और वर्तमान पते को अपडेट रखना होगा।
सुनवाई का कार्यक्रम:
- 06 अक्टूबर को 30 दलों में से 16 दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
- 07 अक्टूबर को अवकाश होने के कारण, इस दिन की सुनवाई अब 08 अक्टूबर को 45 एवं 09 अक्टूबर को 52 दलों की होगी।
सोमवार की सुनवाई में उपस्थित प्रमुख दल:
- आदर्श समाज पार्टी (आगरा)
- भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी (बलिया)
- आम जनता पार्टी (बस्ती)
- अपना दल बलिहारी पार्टी (बस्ती)
- आम जनता पार्टी (इंडिया) (गोंडा)
- आधुनिक भारत पार्टी (कानपुर नगर)
- बहुजन पार्टी (कानपुर नगर)
- एक्शन पार्टी (खीरी)
- अपना दल यूनाइटेड पार्टी (कुशीनगर)
- अभय समाज पार्टी (महराजगंज)
- भारतीय हरित पार्टी (मुजफ्फरनगर)
- अम्बेडकर युग पार्टी (प्रयागराज)
- बहुजन आवाम पार्टी (प्रयागराज)
- अपना देश पार्टी (सुल्तानपुर)
- अंजान आदमी पार्टी (प्रयागराज)
- आजाद भारत पार्टी (डेमोक्रेटिक) (कानपुर नगर)
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सभी दलों को नियमों का पालन करना अनिवार्य है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित हो।
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