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सकरन में मनरेगा फर्जीवाड़ा: मजदूरों को काम नहीं, पैसा गबन का खेल जारी

ब्यूरो रिपोर्ट: सुधीर सिंह कुम्भाणी

सकरन (सीतापुर)। विकास खंड सकरन में मनरेगा योजना के कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्राम पंचायत कौवाखेरा, मोहारी, उमरा खुर्द, दुगाना, लश्करपुर और धरमपुर में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) व उनके मातहत तकनीकी सहायक एवं रोजगार सेवक फर्जी एनएमएमएस रजिस्ट्रेशन करवा कर सरकारी धन हड़प रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायतों में बनाए गए कार्यों जैसे हाट बाजार, शमशान घाट, कैटल शेड और बकरी शेड का निर्माण nominal ही दिख रहा है, जबकि असली काम या तो अधूरा है या कभी हुआ ही नहीं। फर्जी मजदूरों के जरिए पैसे निकलवाए जा रहे हैं, जबकि असली जॉब कार्ड धारक गरीब मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है।

इस स्थिति के कारण पात्र मजदूर रोज़गार के लिए शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। आरोप है कि एपीओ सकरन मनरेगा के कार्यभार को ठीक से नहीं संभाल पा रहे हैं और स्थानीय मजदूरों का हक़ लगातार गवाया जा रहा है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि योजना के नाम पर केवल “नीली-पीली नोटों” का खेल चल रहा है और विकास कार्यों का वास्तविक लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच रहा।




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