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सकरन में नहीं थम रहा प्रतिबंधित पेड़ों पर आरा, वन विभाग की मिलीभगत से दर्जनों हरे पेड़ काटे गए

सुधीर सिंह कुम्भाणी ब्यूरो रिपोर्ट ✍️

सीतापुर: थाना सकरन और बिसवां क्षेत्र में वन विभाग की मिलीभगत से प्रतिबंधित पेड़ों के अवैध कटान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

मामला रउवापुर, कुतुबापुर और लालापुरवा (टेड़वा) गांवों का है, जहां दिनदहाड़े आम, जामुन और शीशम जैसे हरे-भरे पेड़ों को बगैर अनुमति काटा गया। रउवापुर नेवादा में कलमी आम बताकर देशी प्रजाति के विशाल आम के पेड़ों का परमिट जारी किया गया और फिर कटान कर दिया गया। इसी प्रकार कुतुबापुर में पुलिस चौकी मोहलिया से चंद कदम दूर सड़क किनारे लगे हरे जामुन के पेड़ को ठेकेदार महबूब अली ने रात के अंधेरे में काटकर पुआल जलाकर सबूत मिटा दिए।

वहीं, बिसवां कोतवाली क्षेत्र के लालापुरवा में लकड़ी ठेकेदार इस्लामुद्दीन ने वन दरोगा नरेंद्र पाल यादव की मिलीभगत से 5 शीशम, 1 जामुन और 1 गूलर के पेड़ों को काट डाला।

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार सूचना देने के बावजूद वन दरोगा मौके पर नहीं पहुंचे और न ही किसी के खिलाफ कार्रवाई की। यह रवैया विभाग की नीयत पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

इस संबंध में जब वन दरोगा नरेंद्र पाल यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि “सूचना मिली है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।” वहीं रेंजर कमाल अहमद सिद्दीकी ने बताया कि “डिप्टी रेंजर को मौके पर भेजा गया है, दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”


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