लखनऊ में आईआईआईटी की एक महिला प्रोफेसर ने डिप्रेशन और अकेलेपन से जूझते हुए अपनी जान ले ली। आयुषी शर्मा (33) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य के संघर्ष के बारे में लिखा है।
*आयुषी के परिवार ने बताया कि वह लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रही थीं*
और उनकी दवाई चल रही थी। उनके पिता पैरालाइज हैं और वह उनकी देखभाल करती थीं। आयुषी की बड़ी बहन बेंगलुरु में रहती हैं और जीजा यूएस में रहते हैं।
*पुलिस ने बताया कि आयुषी के घर में कूड़े का अंबार लगा था*
और घर में गंदगी फैली हुई थी। यह एक दुखद तस्वीर है जो अकेलेपन और मानसिक स्वास्थ्य के संघर्ष की ओर संकेत करती है।
यह खबर हमें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाती है और हमें उन लोगों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है जो डिप्रेशन और अकेलेपन से जूझ रहे हैं।
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