गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की "लखपति दीदियों" के साथ संवाद स्थापित कर उनके अनुभव और विचार सुने। इस आयोजन में लगभग 200 लखपति दीदियों ने हिस्सा लिया और अपने जीवन में हुए सकारात्मक परिवर्तनों को साझा किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के "विकसित भारत" के संकल्प को साकार करने में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करना था।
मुख्य बिंदु:
1. लखपति दीदियों की भूमिका: श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में इन दीदियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उनका उद्देश्य केवल दीदियों को लखपति बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें "मिलेनियर" और "करोड़पति" बनाने का है।
2. गरीबी मुक्त गांव का सपना: मंत्री जी ने प्रधानमंत्री मोदी के गरीबी मुक्त गांव के संकल्प को साकार करने के लिए सभी दीदियों से एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "यदि गांव की हर बहन आर्थिक रूप से सशक्त होगी, तो हमारा देश गरीबी से मुक्त होगा।"
3. महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर: श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण केवल आर्थिक नहीं, बल्कि शैक्षिक, सामाजिक और राजनीतिक भी होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि:
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए आजीविका मिशन और स्वयं सहायता समूहों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए लड़के और लड़की में कोई भेदभाव न हो।
महिलाओं को पंचायत से लेकर विधानसभा और संसद तक नेतृत्व की भूमिका में आना चाहिए।
4. महिला-केंद्रित योजनाओं की सफलता: श्री चौहान ने मध्य प्रदेश में शुरू की गई लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, और आजीविका मिशन जैसी पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं ने लाखों महिलाओं और बेटियों के जीवन को बदल दिया है:
लाडली लक्ष्मी योजना: 50 लाख से अधिक बेटियों को लखपति बनाया गया।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना: बेटियों के विवाह का बोझ कम करने के लिए बनाई गई।
संपत्ति पर बहनों का अधिकार: संपत्ति खरीदने पर महिलाओं के लिए स्टाम्प शुल्क कम किया गया, ताकि उनके नाम पर अधिक संपत्ति हो सके।
5. स्वास्थ्य और सम्मान: मंत्री ने बताया कि मजदूर बहनों की तकलीफों को देखते हुए गर्भावस्था और प्रसव के बाद उन्हें वित्तीय सहायता देने की योजना बनाई गई। इससे उन्हें आराम का अवसर मिल सके। लाडली बहना योजना भी इसी दिशा में एक कदम है, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।
6. महिलाओं के अनुभव:
आशिया बेग ने कहा कि दिल्ली आकर उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे उनका भी मायका दिल्ली में है।
क्षमा तिवारी ने अपने संघर्ष की कहानी साझा करते हुए बताया कि किस तरह वे गरीबी से बाहर निकलीं और मास्टर डिग्री पूरी की।
7. संगठित होकर अन्याय के खिलाफ आवाज: श्री चौहान ने कहा कि दीदियों को न केवल आत्मनिर्भर बनना है, बल्कि अपने गांवों में अन्याय, अत्याचार, और हिंसा के खिलाफ भी संगठित होकर खड़ा होना है। उन्होंने घरेलू हिंसा और अन्य सामाजिक मुद्दों को समाप्त करने के लिए महिलाओं के संगठनों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
8. भविष्य की योजनाएं:
विदिशा, रायसेन, और सीहोर जैसे जिलों में महिलाओं को दूध उत्पादन और अन्य व्यवसायों में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है।
"भाग्योदय" जैसे संगठनों को 6,000 से बढ़ाकर 60,000 महिलाओं तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
दीदियों को बड़ी आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
आजीविका मिशन का महत्व:
श्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि आजीविका मिशन केवल आर्थिक लाभ नहीं देता, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसम्मान, स्वाभिमान, और गौरव को भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को यह विश्वास दिलाना आवश्यक है कि वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
कार्यक्रम का समापन:
मंत्री जी ने सभी दीदियों को स्मृति चिह्न भेंट किए और गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि "हमारा सपना है कि हर गांव गरीब मुक्त हो, हर महिला सशक्त हो, और हर बेटी शिक्षित हो। यह सपना केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का होना चाहिए।"
निष्कर्ष:
यह आयोजन न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक था, बल्कि यह एक ऐसा मंच बना, जहां ग्रामीण महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। श्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके योगदान को सराहा और उन्हें भारत के विकास में मुख्य भागीदार बताया। यह आयोजन सरकार की नीतियों और महिलाओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।
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