सीतापुर:(शरद बाजपेई की रिपोर्ट) सीतापुर के बिसवां में स्थित सरकारी अस्पताल में बुधवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। अस्पताल परिसर में चल रहे आरसीसी (रेइनफोर्स्ड सीमेंट कंक्रीट) सड़क निर्माण कार्य के दौरान एक गंभीर दुर्घटना घटी, जिससे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई।
कैसे हुआ हादसा?
अस्पताल में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था, जिसमें भारी वाहन और निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसी दौरान, बालू से लदी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली का एक पहिया अस्पताल परिसर में स्थित पुराने पानी के टैंक के ढक्कन पर चढ़ गया। यह टैंक काफी पुराना था और इसका ढक्कन जर्जर स्थिति में था। जैसे ही ट्रैक्टर-ट्रॉली का भार इस पर पड़ा, ढक्कन भार सहन नहीं कर पाया और टूट गया।
ढक्कन टूटते ही ट्रैक्टर-ट्रॉली टैंक में गिर गई। इसके साथ ही, पास में खड़ी एक स्विफ्ट डिजायर कार भी टैंक में समा गई। यह हादसा बेहद भयावह हो सकता था, लेकिन सौभाग्यवश कोई जनहानि नहीं हुई।
ट्रैक्टर चालक की सूझबूझ से बची जान
घटना के वक्त ट्रैक्टर चालक वाहन में मौजूद था। जैसे ही उसने जमीन धंसती देखी, उसने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए वाहन से छलांग लगा दी, जिससे उसकी जान बच गई। यदि वह समय रहते नहीं कूदता, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
घटना के बाद का माहौल
हादसे की खबर फैलते ही अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते मौके पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोग और मरीजों के परिजन इस घटना को लेकर काफी चिंतित दिखे।
प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर
इस घटना से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। पानी का यह टैंक पुराना था, लेकिन उसकी मरम्मत या फिर मजबूती की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। इस वजह से सड़क निर्माण कार्य के दौरान यह हादसा हुआ।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन को जानकारी दे दी गई। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
आगे की कार्रवाई
अस्पताल प्रशासन अब इस हादसे की जांच कर रहा है।
यह पता लगाया जा रहा है कि टैंक की स्थिति पहले से जर्जर थी या फिर यह दुर्घटना अचानक हुई।
निर्माण कार्य की देखरेख कर रही एजेंसी की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी, क्योंकि अस्पताल परिसर में सुरक्षा उपायों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए थी।
निष्कर्ष
हालांकि इस घटना में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह हादसा अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर समय रहते प्रशासन ने पानी के टैंक की मरम्मत करवाई होती, तो यह घटना टल सकती थी। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।
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