रिपोर्ट: प्रधान संपादक मो शोएब ✍️
लखनऊ/अलीगढ़, 28 मार्च: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के विरोध में आज लखनऊ और अलीगढ़ में मुस्लिम समुदाय ने अलविदा जुमा की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया। लखनऊ की ईदगाह में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली समेत कई नमाजी काली पट्टी बांधकर पहुंचे, वहीं अलीगढ़ की जामा मस्जिद में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन हुआ।
विरोध का कारण
नमाज में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम वक्फ बिल के विरोध में हाथ में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने आए हैं। यह बिल हमारी धार्मिक संपत्तियों को खतरे में डाल सकता है। पूरी कौम जब विरोध दर्ज कराएगी, तो सरकार को इसे वापस लेना ही पड़ेगा।"
AIMPLB की अपील पर विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के मुसलमानों से अपील की थी कि वे अलविदा जुमा की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर वक्फ बिल का विरोध करें। बोर्ड का मानना है कि यह विधेयक मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों और कब्रिस्तानों की संपत्तियों को सरकार के नियंत्रण में लेने का प्रयास है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
लखनऊ और अलीगढ़ प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। लखनऊ में 94 ईदगाहों और 1,210 मस्जिदों में नमाज अदा की गई, जहां पुलिस, पीएसी, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी गई।
आगे की रणनीति
AIMPLB ने घोषणा की है कि वक्फ बिल के विरोध में प्रदर्शन जारी रहेगा। 29 मार्च को विजयवाड़ा में भी एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
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