ब्यूरो रिपोर्ट: जहीन खान ✍️
श्रावस्ती।
जनपद श्रावस्ती के ग्राम खलीफतपुर में मुहर्रम के पवित्र अवसर पर आपसी सौहार्द, शांति और भाईचारे की अद्भुत मिसाल देखने को मिली। ग्रामवासियों ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में ताजियादारी की और दसवीं मोहर्रम के दिन कर्बला की ओर पारंपरिक जुलूस निकाला गया।
जुलूस में शामिल लोगों ने "या हुसैन", "या अली" के नारों के साथ मातम किया और पूरी श्रद्धा के साथ इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया। इस दौरान ग्राम प्रधान, स्थानीय संभ्रांत जन एवं ग्रामवासी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। जुलूस की सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ।
ग्रामवासियों ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं के साथ आयोजन में भाग लिया, बल्कि आपसी प्रेम, सहिष्णुता और भाईचारे का जो परिचय दिया, वह पूरे जनपद के लिए प्रेरणास्पद है। यह आयोजन इस बात का प्रतीक बन गया कि कैसे विभिन्न धर्म और समुदायों के लोग साथ मिलकर सांप्रदायिक सौहार्द को जीवित रख सकते हैं।
इस अवसर पर खलीफतपुर गांव ने अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संजोते हुए एक बार फिर यह साबित कर दिया कि एकता और इंसानियत ही समाज की सबसे बड़ी ताकत है।
"मुहर्रम का यह आयोजन केवल ताजियादारी नहीं, बल्कि एकजुटता, श्रद्धा और सामाजिक सौहार्द का अनुपम उदाहरण बनकर सामने आया।"
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