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यादें इमाम हुसैन अलैह... मुहर्रम पर 'खाना ख़ज़ाना टीम' द्वारा लंगर-ए-आम का आयोजन दरगाह इलाके में श्रद्धा, सेवा और सौहार्द की अद्भुत मिसाल

ब्यूरो रिपोर्ट जहीन खान ✍️ 

बहराइच।
दसवीं मुहर्रम (आशूरा) के मौके पर बहराइच में इमाम हुसैन अलैह की याद में ‘खाना ख़ज़ाना दोस्ताना टीम’ द्वारा लंगर-ए-आम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन दरगाह शरीफ इलाके में लाल गेट के सामने स्थित जनतंत्र प्राइम भारत कार्यालय पर किया गया, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का प्रसाद ग्रहण किया।

श्रद्धा और सेवा की मिसाल

खाना ख़ज़ाना टीम ने इस पवित्र अवसर पर खुद को जनसेवा में समर्पित करते हुए श्रद्धालुओं को भोजन वितरण का कार्य बखूबी निभाया। आयोजन में शहरवासियों, युवाओं और मोहल्ले के बुजुर्गों ने मिलकर पूरी निष्ठा से सेवा की। टीम के सदस्यों ने दिनभर चलने वाले लंगर में हर किसी को आदरपूर्वक भोजन परोसा।

समुदाय की एकता और भाईचारे का प्रतीक

मुहर्रम के अवसर पर लंगर-ए-आम का यह आयोजन समाज के सभी वर्गों के बीच एकता, प्रेम और भाईचारे को मजबूत करने का संदेश देता है। इस मौके पर हिन्दू-मुस्लिम सभी धर्मों के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और यह सिद्ध किया कि सेवा और इंसानियत मजहब की सीमाओं से परे होती है।

आयोजकों की सराहनीय भूमिका

खाना ख़ज़ाना दोस्ताना टीम के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, स्वयंसेवकों और समाजसेवियों की सहभागिता ने आयोजन को सफल और भावनात्मक रूप से समृद्ध बनाया।
इस मौके पर टीम ने यह संकल्प लिया कि हर साल आशूरा पर इसी तरह सेवा भाव से लंगर-ए-आम का आयोजन किया जाएगा।

इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद में किया गया यह आयोजन न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि समाज को जोड़ने वाली वह डोर भी है जो इंसानियत की सबसे बड़ी पहचान बन चुकी है।


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