स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
लखनऊ/शाहजहांपुर। अशासकीय मान्यता प्राप्त बेसिक विद्यालय शिक्षक संघ ने वित्तविहीन विद्यालयों की स्थिति को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित देश के शीर्ष नेतृत्व को ज्ञापन भेजकर मान्यता रद्द करने की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। शिक्षक संघ की ओर से यह ज्ञापन 22 जुलाई 2025 को भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि यदि विद्यालयों की मान्यता निरस्त की जाती रही, तो प्रदेश भर के लाखों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे।
संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि ये विद्यालय शासन की अनुमति से स्थापित हुए थे, और उनके संचालन में कुछ कमियों के आधार पर उन्हें बंद करना शिक्षा विरोधी कदम है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि विद्यालयों को पूर्व में मान्यता देते समय लागू नियमों के अनुसार ही मूल्यांकन किया जाना चाहिए, न कि नए बनाए गए कठोर मानकों के आधार पर।
शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- मान्यता रद्द करने की कार्यवाही रोकी जाए, और यदि कुछ कमियाँ हैं तो उन्हें पूरा करने के लिए समयसीमा दी जाए।
- पूर्व मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर नए नियम लागू न किए जाएं।
- अल्पवेतन भोगी शिक्षकों को आयुष्मान कार्ड की सुविधा दी जाए।
- मान्यता नियमों में शिथिलता प्रदान कर पुराने मानकों को पुनः लागू किया जाए।
- जिला प्रशासन द्वारा विद्यालयों में अनावश्यक हस्तक्षेप व छापेमारी रोकी जाए।
- पूर्व की भांति शिक्षकों को शासन द्वारा मानदेय दिया जाए।
इस ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, राज्य के शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव सहित समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों और सभी प्रमुख समाचार पत्रों को भी प्रेषित की गई है।
ज्ञापन पर संघ के प्रमुख पदाधिकारियों — मनोज यादव, राजेश कुमार, रुपकमल यादव, अजय सिंह, रूपाल सिंह, महेपाल सिंह यादव, सुरेश पादन, अंकित कुमार, रामदास यादव, राजेन्द्र कुमार और अनोज सिंह सहित अन्य शिक्षकों के हस्ताक्षर हैं।
शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार न किया गया, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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