स्टेट ब्यूरो हेड: योगेंद्र सिंह यादव, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर, 07 जुलाई 2025।
प्रदेश सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से मिशन वात्सल्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू कर बच्चों के संरक्षण, पुनर्वास और समग्र विकास की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से घर से भागे, गुमशुदा, तस्करी, बाल भिक्षावृत्ति, बाल श्रमिकों और नशे के शिकार बच्चों को आश्रय गृहों में सुरक्षित वातावरण देकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने समाज के कमजोर, वंचित, दिव्यांग, महिला, वृद्धजन और श्रमिक वर्ग के लिए जो सामाजिक सुरक्षा तंत्र खड़ा किया है, उसी की एक अहम कड़ी है मिशन वात्सल्य, जिसका उद्देश्य बच्चों को संवेदनशील, समर्थ और सहयोगी वातावरण देना है।
मिशन वात्सल्य के प्रमुख बिंदु:
- संवेदनशील ईको-सिस्टम का निर्माण जिससे बच्चे अपनी क्षमता को पहचान सकें।
- संस्थागत और गैर-संस्थागत देखभाल के ढांचे को मजबूत किया गया।
- आश्रय गृह, सम्प्रेक्षण गृह, दत्तक ग्रहण एजेंसी, विशेष गृह आदि के माध्यम से बच्चों को संवैधानिक सुरक्षा।
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, बच्चों की आपात स्थिति में त्वरित सहायता।
प्रदेश में मिशन वात्सल्य का प्रभाव:
- वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 1713 बच्चों का दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुनर्वास।
- 1007 बच्चों को स्पॉन्सरशिप के माध्यम से एवं 05 बच्चों को फॉस्टर केयर के तहत लाभान्वित किया गया।
- अब तक 93658 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया।
- 1707 संभावित बाल विवाह रोके गए, जो बाल अधिकारों की सुरक्षा की बड़ी उपलब्धि है।
वर्तमान में संचालित राजकीय संस्थाएं:
- 27 सम्प्रेक्षण गृह, 8 बाल गृह (बालक), 5 बाल गृह (बालिका), 6 शिशु गृह
- 5 विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसी, 2 विशेष गृह, 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी, 5 पश्चातवर्ती देखरेख संगठन
- लखनऊ में मानसिक मंदित बच्चों हेतु 2 विशेषीकृत संस्थाएं (PPP मॉडल)
महिला एवं बाल विकास विभाग की यह पहल राज्य के भविष्य – बच्चों – को न सिर्फ संरक्षण देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर एवं जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार करती है।
मिशन वात्सल्य न केवल सरकारी योजना है, बल्कि यह एक मानवीय प्रयास है जो समाज के हर बच्चे को सशक्त बचपन और उज्जवल भविष्य देने का संकल्प है।
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