स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
उत्तर प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत पिछले 08 वर्षों में 14.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 5.50 लाख युवाओं को सेवायोजन प्राप्त हुआ है।
प्रदेश सरकार "सबको हुनर, सबको काम" की नीति पर चलते हुए युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल प्रदान कर उन्हें रोजगार व स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्य बिंदु:
प्रशिक्षण का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना व आयु 18-35 वर्ष होना आवश्यक।
प्रदेश में 324 राजकीय आईटीआई संचालित, 1.84 लाख प्रवेश सीटें उपलब्ध।
अप्रेंटिसशिप योजना के अंतर्गत वर्ष 2024 में 69,000 से अधिक युवाओं को उद्योगों व MSME में प्रशिक्षण।
प्रदेशभर में 452 निजी, 334 राजकीय, 25 फ्लैक्सी, 34 दिव्यांग, 268 स्टार्ट-अप तथा 10 NSDC प्रशिक्षण प्रदाता कार्यरत।
इंडस्ट्री 4.0 की मांग के अनुरूप ड्रोन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स जैसे अभिनव ट्रेड्स में प्रशिक्षण की शुरुआत।
IBM, TCS व फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के साथ प्रशिक्षण अनुबंध।
अब तक कौशल मिशन को पांच राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के साथ मैनपावर तैयार की जा रही है। इसी उद्देश्य से स्कूली बच्चों तक को ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कौशल विकास मिशन के प्रयासों से उत्तर प्रदेश आज रोजगार और उद्यमशीलता के क्षेत्र में देशभर में एक नया मॉडल बनकर उभर रहा है।
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