स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहांपुर, 24 सितंबर - मिशन शक्ति 5.0 के तहत शाहजहांपुर ने एनीमिया (खून की कमी) के खिलाफ एक अनूठा और ऐतिहासिक अभियान चलाकर एक नई मिसाल कायम की है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह के नेतृत्व में चलाए गए इस जन-अभियान में एक ही दिन में लगभग 3.6 लाख महिलाओं ने एक साथ आयरन फोलिक एसिड (IFA) की गोलियों का सेवन किया।
यह अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक विशाल जन आंदोलन बन गया, जिसमें जिले के 1,068 पंचायत भवन, 2,267 स्कूल, 2,663 आंगनवाड़ी केंद्र, 300 आरोग्य मंदिर और कई निजी संस्थान शामिल हुए। अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वयं गोली लेकर इसकी शुरुआत की, जिससे लोगों में विश्वास बढ़ा और बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।
डिजिटल तकनीक और जवाबदेही की नई पहल
इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल किया गया। महिलाओं के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया, जहां से वे पंजीकरण कर अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकती थीं। अभियान के दिन दोपहर तक 2.65 लाख से अधिक प्रमाणपत्र डाउनलोड किए गए।
जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक अनोखी व्यवस्था शुरू की गई। महिलाओं को गोली की एक पूरी स्ट्रिप दी गई और उन्हें हर 11वें दिन खाली ब्लिस्टर पैकेट लौटाने पर नई स्ट्रिप दी जाएगी। इससे गोली के सेवन में निरंतरता बनी रहेगी।
जनभागीदारी बढ़ाने के लिए रचनात्मक उपाय
अभियान को सिर्फ स्वास्थ्य कार्यक्रम तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि इसे एक सामूहिक उत्सव का रूप दिया गया। जागरूकता बढ़ाने के लिए रंगोली, फोटोग्राफी और सोशल मीडिया प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं ने युवाओं और आम जनता को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य संदेशों को सरल बनाने पर भी जोर दिया गया। महिलाओं को बताया गया कि आईएफए की गोली को नींबू पानी या खट्टे फलों के साथ लेने से उसका असर कई गुना बढ़ जाता है, जबकि चाय या कॉफी के साथ लेने से उसका प्रभाव कम हो जाता है।
शाहजहांपुर की यह पहल साबित करती है कि अगर प्रशासन, समाज और आधुनिक तकनीक साथ मिलकर काम करें, तो बड़े स्वास्थ्य लक्ष्यों को आसानी से हासिल किया जा सकता है। यह मॉडल पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।
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