स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 01 अक्टूबर 2025।
नहरों को खेती के लिए सबसे विश्वसनीय सिंचाई साधन माना जाता है। इन्हीं लाभों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार ने बाणसागर नहर परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस परियोजना के पूर्ण होने से मिर्जापुर और प्रयागराज जनपद की 1.50 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता बढ़ी है और 1.70 लाख से अधिक किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।
🌾 नहरों के लाभ
नहरों से सिंचाई केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई व्यापक लाभ हैं –
- भूमिगत जल का निरंतर रिचार्ज।
- पशु-पक्षियों और वन्य जीवों को पीने के लिए पानी की उपलब्धता।
- नहर किनारे वृक्षारोपण व वनाच्छादन।
- तालाबों व पोखरों में पानी भरने से मछली पालन और जलीय जीवन को बढ़ावा।
- किसानों को समय पर और भरपूर सिंचाई सुविधा।
🏗️ परियोजना का सफर
- यह अंतर्राज्यीय बहुउद्देशीय वृहद नदी घाटी परियोजना है, जो मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के देवलोंद में सोन नदी पर निर्मित है।
- वर्ष 1989-90 में उत्तर प्रदेश में नहर का कार्य शुरू हुआ।
- कठोर पत्थरीले भूभाग और वन मंत्रालय से स्वीकृति न मिलने के कारण वर्ष 2002 में कार्य रुक गया।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर 2014 में आवश्यक संशोधन करवाए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में सिंचाई विभाग ने तेजी से काम पूरा कर वर्ष 2018 में ₹3420.24 करोड़ की लागत से परियोजना पूरी की।
- 15 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वयं इसका लोकार्पण किया।
📊 अब तक के परिणाम
- मिर्जापुर – 75,309 हेक्टेयर भूमि सिंचित।
- प्रयागराज – 74,823 हेक्टेयर भूमि सिंचित।
- कुल – 1,50,132 हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा।
- 5.50 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान।
- किसानों की आय में निरंतर वृद्धि।
👨🌾 किसानों के जीवन में बदलाव
पहले जहाँ किसान केवल मोटे अनाज, दलहन और तिलहन तक सीमित थे, वहीं अब वे हर प्रकार की नकदी और खाद्यान्न फसल उगा पा रहे हैं। इससे उनकी आय दोगुनी से अधिक हो रही है और जीवन स्तर में व्यापक सुधार आ रहा है।
➡️ बाणसागर नहर परियोजना अब केवल एक सिंचाई व्यवस्था नहीं, बल्कि किसानों के खुशहाल भविष्य और प्रदेश के कृषि विकास की सशक्त कहानी बन चुकी है।
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