स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 25 अक्टूबर 2025
जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय, शाहजहाँपुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में जनपद के सभी किसान भाइयों एवं बहनों को सूचित किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में रबी अभियान के अंतर्गत बीजशोधन एवं भूमिशोधन अभियान शासन के निर्देशानुसार संचालित किया जा रहा है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रायः फसलों के पकने के समय कीट, रोग और गांठियाँ लगने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इन रोगों के नियंत्रण के लिए अधिक मात्रा में रासायनिक दवाओं का प्रयोग करना पड़ता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने के साथ किसान की लागत भी बढ़ जाती है।
अतः यदि किसान भाई समय से बीजशोधन और भूमिशोधन की प्रक्रिया अपनाएँ तो कम रसायन में फसल को अधिक सुरक्षित किया जा सकता है।
🔸 भूमिशोधन प्रक्रिया
भूमिशोधन के लिए —
- रासायनिक विधि में कारटाप हाइड्रोक्लोराइड की 18 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग करें।
- जैविक विधि में ट्राइकोडर्मा (2.5 किग्रा प्रति हे०) को 65-75 किग्रा गोबर की खाद में मिलाकर हल्का पानी छिड़कें और 8-10 दिन छाया में रखने के बाद अंतिम जुताई में भूमि में मिलाएँ।
इससे जड़ गलन, उकठा, झुलसा जैसे फफूंद जनित रोगों का नियंत्रण किया जा सकता है।
ब्यूवेरिया बेसियाना (2.5 किग्रा प्रति हे०) के प्रयोग से दीमक, सफेद गिडार, कटवर्ग व सूत्रकृमि का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।
🔸 बीजशोधन प्रक्रिया
- रासायनिक विधि: बुवाई से पूर्व प्रति किग्रा बीज पर
- थीरम 75% DS — 2.5 ग्राम
- या कार्बेन्डाजिम 50% WP — 2 ग्राम
- अथवा थीरम + कार्बेन्डाजिम मिश्रण — 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज प्रयोग करें।
- जैविक विधि: ट्राइकोडर्मा 4-5 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से शोधित करें।
इससे बीज गलन और उकठा जैसे रोगों से सुरक्षा मिलती है।
🔸 अनुदान की सुविधा
बीजशोधन एवं भूमिशोधन हेतु सभी आवश्यक रसायन 75% अनुदान पर तथा कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 50% अनुदान पर जनपद के सभी विकास खंडों की कृषि रक्षा इकाइयों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
कृषकों को अनुदान का लाभ डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्री संजय कुमार ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल की सुरक्षा एवं लागत में कमी हेतु इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और जैविक विधियों को प्राथमिकता दें।

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