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“बाल विवाह को ना – चैंपियंस का सम्मान” कार्यक्रम आयोजित


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत जिलाधिकारी महोदय एवं मुख्य विकास अधिकारी  के निर्देशानुसार तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री गौरव मिश्रा के मार्गदर्शन में सखी वन स्टॉप सेंटर, शाहजहाँपुर में “बाल विवाह को ना – चैंपियंस का सम्मान” कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।

इस अवसर पर संरक्षण अधिकारी श्री निकेत कुमार सिंह ने कहा कि —

बाल विवाह जैसी कुप्रथा समाज की प्रगति में बाधक है। बेटियों को शिक्षा एवं स्वावलंबन का अवसर देना ही सच्चा सम्मान है।

जिला मिशन कोऑर्डिनेटर HEW श्रीमती अमृता दीक्षित ने कहा —

बेटियों को अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना ही मिशन शक्ति का मूल उद्देश्य है।

सखी वन स्टॉप सेंटर प्रभारी श्रीमती अंतिमा तिवारी ने बताया —

वन स्टॉप सेंटर महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है, जहाँ उन्हें कानूनी, चिकित्सीय और मनोवैज्ञानिक सहायता एक ही स्थान पर प्रदान की जाती है।

प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, चाइल्डलाइन श्री विनय शर्मा ने जानकारी दी —

बाल विवाह की सूचना कोई भी व्यक्ति चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, बाल कल्याण समिति या पुलिस प्रशासन को दे सकता है। 1098 बच्चों की सुरक्षा के लिए 24x7 कार्यरत है।

महिला थाना प्रभारी श्रीमती रश्मि अग्निहोत्री ने कहा —

बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है। बालिका की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष एवं बालक की 21 वर्ष निर्धारित की गई है। निर्धारित आयु से पहले विवाह करने वाले व्यक्ति को 2 वर्ष की सजा या ₹1 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।



सम्मानित बालिकाएँ

कार्यक्रम में उन बहादुर बालिकाओं को सम्मानित किया गया जिनके बाल विवाह को समय रहते रोका गया और जिन्होंने सामाजिक दबावों का सामना करते हुए शिक्षा व आत्मनिर्भरता का मार्ग चुना।

  • काजल – मोहल्ला कुरगंजा, थाना पुवाया
  • नैना देवी – ग्राम इटौआ, थाना खुटार
  • कोमल – कसारी, थाना जलालाबाद
  • सोनम – नानकपुरा, थाना कांट
  • शीतल – सिंगापुर खास, थाना बंडा

इन बालिकाओं ने अपने अनुभव साझा किए और अन्य उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है।


कार्यक्रम में उपस्थिति

कार्यक्रम में डीसीपीयू, चाइल्ड हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेंटर, हव फॉर इंपावरमेंट ऑफ विमेन के कर्मचारी तथा पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह के दुष्परिणाम, कानूनी प्रावधानों तथा बेटियों की शिक्षा व सशक्तिकरण पर विस्तार से चर्चा की गई।



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