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📰 प्रदेश सरकार के संरक्षण व संवर्धन से बढ़ी हरियाली और वन्यजीवों की समृद्धि


स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

शाहजहांपुर, 09 अक्टूबर 2025 —

उत्तर प्रदेश में वन संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में वन एवं वन्यजीव संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में 242 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण किया गया है, जबकि चालू वर्ष में ही 37.21 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए गए, जिससे राज्य की हरियाली और वनावरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र को नौ कृषि जलवायु क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है — भाबर व तराई क्षेत्र, पश्चिमी मैदानी, मध्य-पश्चिमी, दक्षिण-पश्चिमी अर्ध-शुष्क, केन्द्रीय, उत्तर-पूर्वी, पूर्वी मैदानी क्षेत्र, बुंदेलखंड एवं विन्ध्य क्षेत्र। इन क्षेत्रों की विविध जलवायु और पारिस्थितिकी के कारण प्रदेश में वनस्पतियों, पक्षियों और वन्यजीवों की अद्भुत विविधता देखने को मिलती है।

🌳 वन्यजीव और जैव विविधता का समृद्ध संसार
प्रदेश में साल, शीशम, खैर, बबूल, बाँस, बेल, आंवला, नींबू, बेर जैसे वृक्षों के साथ ही दुर्लभ औषधीय वनस्पतियाँ भी पाई जाती हैं।
उत्तर प्रदेश के वनों में 550 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ, 150 तितलियों की प्रजातियाँ, आठ प्रकार के गिद्ध, और विभिन्न सरीसृप व स्तनधारी जीव निवास करते हैं।
यहां पाई जाने वाली प्रमुख प्रजातियों में — चीतल, सांभर, मुन्तिजैक, पाड़ा, बारासिंघा, बंगाल फ्लोरिकन, हिस्पिड हैर, एक सींग वाला गैंडा, बाघ और हाथी शामिल हैं।

🐅 राष्ट्रीय उद्यानों व टाइगर रिजर्व्स का विस्तृत नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में

  • 1 राष्ट्रीय उद्यानदुधवा राष्ट्रीय उद्यान
  • 4 टाइगर रिजर्वदुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ और रानीपुर
  • 2 हाथी रिजर्वशिवालिक व तराई हाथी रिजर्व
  • 1 कंजर्वेशन रिजर्वब्लैक बक कंजर्वेशन रिजर्व (मेजा, प्रयागराज)
  • 26 वन्यजीव विहार संचालित हैं।

साथ ही, प्रदेश में 4 प्राणी उद्यान — लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और इटावा लॉयन सफारी तथा 1 जैव विविधता विरासत स्थलघड़ियाल पुनर्वास एवं प्रजनन केन्द्र (कुकरैल, लखनऊ) स्थित हैं।

🌊 वेटलैण्ड्स और रामसर साइट्स ने बढ़ाया गौरव
प्रदेश का लगभग 11.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र (4.8%) वेटलैंड्स से आच्छादित है, जो मगर, घड़ियाल, डॉल्फिन, बारासिंघा, सारस और शीत ऋतु में आने वाले विदेशी पक्षियों के लिए अनुकूल आवास हैं।
राज्य में 10 अंतरराष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स को रामसर साइट्स के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस आधार पर उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है।

📈 वनावरण वृद्धि में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान
भारतीय वन सर्वेक्षण (देहरादून) की “भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट 2023” के अनुसार उत्तर प्रदेश का वनावरण व वृक्षावरण 23,437.53 वर्ग किमी से बढ़कर 23,996.72 वर्ग किमी (9.96%) हो गया है।
इस वृद्धि दर के आधार पर उत्तर प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।

🐘 बाघ, हाथी और सारस की बढ़ती संख्या पर्यावरण संरक्षण की सफलता का प्रमाण
भारतीय वन्यजीव संस्थान की बाघ गणना रिपोर्ट 2022 के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्या 173 से बढ़कर 205 हो गई है।
ग्रीष्मकालीन गणना 2024 में राज्य पक्षी सारस की संख्या 19,918 दर्ज की गई है।
हाथियों की संख्या में भी स्थिर वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, सरकार ने गंगा डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित किया है।


👉 उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की पर्यावरणीय नीतियों ने वन संरक्षण, जैव विविधता और हरित विकास को नई दिशा दी है।
यह सतत विकास की ओर एक सशक्त कदम है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए हरित और संतुलित पर्यावरण सुनिश्चित करेगा। 🌱



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