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तानसेन से ए.आर. रहमान तक भारतीय संगीत की यात्रा पर एस.एस. कॉलेज में भाषण प्रतियोगिता, संध्या प्रथम


 स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻 

शाहजहाँपुर। एस.एस. कॉलेज के संगीत विभाग द्वारा “भारतीय संगीत की यात्रा: तानसेन से ए.आर. रहमान तक” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।

प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने तानसेन से लेकर आधुनिक युग के संगीतकार ए.आर. रहमान तक भारतीय संगीत के विकास, प्रयोग और वैश्विक पहचान पर अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रथम स्थान छात्रा संध्या सिंह ने प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत एक सतत प्रवाह है, जो समय के साथ रूप बदलते हुए भी अपनी आत्मा और परंपरा को संजोए हुए आगे बढ़ता रहा है। यह यात्रा भारतीय संगीत की वैश्विक पहचान को रेखांकित करती है।

द्वितीय स्थान संजीत कुमार ने प्राप्त किया। उन्होंने मध्यकालीन भारत में दरबारी संरक्षण के अंतर्गत संगीत के विकास और तानसेन के योगदान पर प्रकाश डालते हुए स्वतंत्रता के बाद फिल्म संगीत के प्रभाव तथा नौशाद, एस.डी. बर्मन, मदन मोहन और शंकर–जयकिशन जैसे संगीतकारों के योगदान को रेखांकित किया।


तृतीय स्थान खुशी गुप्ता ने प्राप्त किया। उन्होंने तानसेन द्वारा रागों के व्यवस्थित स्वरूप, ध्रुपद गायन शैली तथा गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता पर विचार व्यक्त किए। साथ ही ए.आर. रहमान को भारतीय संगीत यात्रा का आधुनिक प्रतीक बताते हुए उनके वैश्विक प्रयोगों पर प्रकाश डाला।

प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका वरिष्ठ पत्रकार सुयश सिन्हा, राजनीति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर व्याख्या सक्सेना तथा संगीत शिक्षिका सुकन्या तिवारी ने निभाई। विषय स्थापना एवं संचालन संगीत विभागाध्यक्ष डॉ. कविता भटनागर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में धर्मवीर सिंह के नेतृत्व में छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
प्रतियोगिता में अमन कुमार, नीलम, राधा, रुम सिंह, सौम्या दीक्षित, दिव्या सिंह सहित अन्य विद्यार्थियों ने भी सहभागिता की।

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