स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
शाहजहाँपुर, 12 दिसंबर 2025
अंतर्राष्ट्रीय तटस्थता दिवस के अवसर पर एस.एस. कॉलेज, शाहजहाँपुर में वाणिज्य विभाग के प्रो. (डॉ.) कमलेश गौतम और अपर्णा त्रिपाठी द्वारा संपादित महत्वपूर्ण पुस्तक "वाणिज्य और मानविकी में नवीन प्रवृत्तियां" का विमोचन किया गया। पुस्तक का लोकार्पण महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) आर.के. आज़ाद द्वारा किया गया।
344 पृष्ठों की इस व्यापक पुस्तक में देशभर के 43 विद्वानों के शोध-पत्र एवं लेख शामिल हैं, जिनमें अनेक महत्वपूर्ण व समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है। पुस्तक की भूमिका बरेली एवं मुरादाबाद मंडल के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने लिखी है।
📘 पुस्तक की प्रमुख विषयवस्तु
पुस्तक में निम्न विषयों पर शोध-आधारित लेख सम्मिलित हैं—
- महिला सशक्तिकरण
- ई-कॉमर्स एवं डिजिटल भुगतान
- ग्रामीण विकास एवं कृषि की नई प्रवृत्तियां
- हरित प्रबंधन एवं पर्यावरणीय चुनौतियां
- शैक्षिक सुधार एवं कौशल विकास
- मानव संसाधन प्रबंधन
- आधुनिक व्यावसायिक रणनीतियां
- उपभोक्ता व्यवहार
- सांस्कृतिक संरक्षण एवं कानून
- स्वास्थ्य क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियां
- छात्रों पर संगीत के मनोवैज्ञानिक प्रभाव
- वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य
🎙 “साहित्य समाज का दर्पण” — डॉ. कमलेश गौतम
पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए प्रो. कमलेश गौतम ने कहा कि—
“साहित्य का उद्देश्य है समाज की समस्याओं को उजागर करना और उनके समाधान की दिशा में मार्गदर्शन करना। अंतर्राष्ट्रीय तटस्थता दिवस पर विश्व शांति और संवाद को बढ़ावा देने की भावना से यह पुस्तक समाज को समर्पित की गई है।”
🎉 कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में महाविद्यालय के कई प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से—
- प्रो. (डॉ.) अनुराग अग्रवाल – विभागाध्यक्ष, वाणिज्य
- डॉ. आदित्य कुमार सिंह – विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान
- डॉ. शालीन कुमार सिंह – विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी
- डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. गौरव सक्सेना, डॉ. विजय तिवारी आदि
महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती और सचिव डॉ. ए.के. मिश्रा ने भी डॉ. कमलेश गौतम को पुस्तक विमोचन के लिए शुभकामनाएं दीं और साहित्यिक यात्रा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
यह पुस्तक समकालीन सामाजिक, आर्थिक और मानवीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है और शैक्षिक जगत के लिए एक मूल्यवान योगदान है।

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