स्टेट ब्यूरो हेड योगेन्द्र सिंह यादव ✍🏻
तिलहर (शाहजहांपुर)। उप निदेशक पंचायती राज, बरेली के निर्देशानुसार राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत विकासखंड तिलहर के सभागार में ग्राम प्रधानों, पंचायत सहायकों एवं ग्राम सचिवों के लिए ग्राम पंचायत की स्वयं की आय (ओएसआर) विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का सफल समापन हुआ।
प्रशिक्षण के प्रथम दिवस की शुरुआत एडीओ पंचायत तिलहर द्वारा मां सरस्वती के समक्ष पुष्प अर्पित कर की गई। इसके पश्चात सभी प्रतिभागियों का परिचय लिया गया और ग्राम पंचायत की स्वयं की आय स्रोत (ओएसआर) क्या है, उसका उद्देश्य एवं महत्व क्या है, इस पर संवादात्मक चर्चा की गई।
सत्र को संबोधित करते हुए अमित गंगवार ने कहा कि “बेहतर ग्राम पंचायत वही है जो स्वयं निर्णय ले सके और अपनी आय से गांव का विकास कर सके।” उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में तीन स्तर की सरकारें—केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकार—मान्यता प्राप्त हैं, लेकिन स्थानीय सरकार विशेषकर ग्राम पंचायतों के पास मजबूत आय स्रोत न होने के कारण आज भी कई गांव पिछड़े हुए हैं। यदि ग्राम पंचायतें अपने आय के स्रोत स्वयं विकसित कर लें तो वे आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
प्रशिक्षण के दौरान ग्राम पंचायत द्वारा लगाए जाने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों पर विस्तार से चर्चा की गई और बताया गया कि किस प्रकार इन आय स्रोतों के माध्यम से पंचायतें अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकती हैं।
द्वितीय दिवस में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से पंचायत भवन में उपलब्ध कराई जाने वाली विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी दी गई। साथ ही भविष्य में ग्राम पंचायत भवनों में आधार केंद्र स्थापित किए जाने और उनसे ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधाओं पर भी चर्चा की गई।
प्रशिक्षण के समापन पर टीएमपी पोर्टल के माध्यम से प्रतिभागियों की परीक्षा आयोजित की गई, जिसके उपरांत सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
यह प्रशिक्षण ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने और गांवों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।

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