प्रधान संपादक मो शोएब की रिपोर्ट ✍️
लखनऊ के बुद्धेश्वर चौराहे पर सोमवार सुबह से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई रही। सुबह 9 बजे से लगभग एक घंटे तक इस क्षेत्र में एक किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम के दौरान भारी वाहनों का आवागमन भी जारी रहा, लेकिन ट्रैफिक पुलिस नदारद नजर आई।
स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ी मुश्किलें
जाम का सबसे अधिक प्रभाव स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों पर पड़ा। कई बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच सके, वहीं दिव्यांग बच्चे भी स्कूल पहुंचने के लिए संघर्ष करते रहे। इस भीषण यातायात अव्यवस्था के कारण बच्चों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा।
डग्गामार गाड़ियां बनीं समस्या का मुख्य कारण
चौराहे पर डग्गामार सवारी गाड़ियां यातायात अव्यवस्था का मुख्य कारण बनीं। ये गाड़ियां मनमाने ढंग से सड़क के बीचोंबीच खड़ी होकर सवारियां उतारती और चढ़ाती रहीं। ई-रिक्शा चालकों ने तो हद ही कर दी। सवारियों के चक्कर में उन्होंने अपनी गाड़ियां चौराहे के बीच खड़ी कर दीं, जिससे यातायात व्यवस्था और बिगड़ गई।
पुलिस की लापरवाही और वसूली पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता केवल वीआईपी गाड़ियों के गुजरने तक सीमित रहती है। वीआईपी मूवमेंट के बाद पुलिस अपने कर्तव्यों से लापरवाह हो जाती है। आम दिनों में पुलिस की प्राथमिकता केवल वसूली पर रहती है, जबकि जनता जाम में फंसी रहती है।
जाम के कारण जनता आक्रोशित
जाम में फंसे लोग इतने परेशान हो गए कि उनके बीच कई बार झगड़े और कहासुनी की नौबत आ गई। गुस्से से भरी जनता ने व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
समस्याओं के समाधान की आवश्यकता
भारी वाहनों के आवागमन के लिए समय-सीमा तय की जाए।
डग्गामार वाहनों और ई-रिक्शा के संचालन पर सख्ती बरती जाए।
चौराहे पर ट्रैफिक लाइट और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
ट्रैफिक पुलिस की नियमित तैनाती सुनिश्चित की जाए।
जनता के बीच यातायात नियमों के पालन के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए।
जनता की अपील
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि इस गंभीर समस्या का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। जिम्मेदार अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्त निर्देश दिए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी परेशानियों से बचा जा सके।
(यह रिपोर्ट बुद्धेश्वर चौराहे पर जाम के दौरान आम जनता की समस्याओं और उनकी मांगों पर आधारित है।)
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