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काकोरी: गणतंत्र दिवस पर टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत ग्रामीणों ने ली शपथ

ब्यूरो रिपोर्ट सत्यपाल सिंह✍️

काकोरी (लखनऊ):गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर करझन ग्राम सभा के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर ग्राम प्रधान धर्मेंद्र यादव की अगुवाई में गांव के पुरुषों और महिलाओं ने टीबी मुक्त भारत की शपथ ली।  

कार्यक्रम में आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तैनात सीएचओ रश्मि वर्मा, एएनएम दिव्या पटेल, आशा बहू पूनम शर्मा समेत कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी और ग्रामीण शामिल हुए। सभी ने मिलकर टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।  

कार्यक्रम का उद्देश्य:

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी जैसी घातक बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके निवारण के लिए जरूरी कदम उठाना था। स्वास्थ्य कर्मियों ने ग्रामीणों को बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जिसे सही इलाज और समय पर जांच से ठीक किया जा सकता है।  

प्रमुख गतिविधियां

1. शपथ ग्रहण:

   सभी उपस्थित लोगों ने "टीबी मुक्त भारत" का संकल्प लेते हुए इसे जन-जन तक पहुंचाने का वादा किया।  

2. जागरूकता सत्र:

 सीएचओ रश्मि वर्मा और एएनएम दिव्या पटेल ने टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन समय पर इलाज शुरू करने से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।  

3. ग्राम प्रधान की भूमिका:

 ग्राम प्रधान धर्मेंद्र यादव ने ग्रामीणों से अपील की कि वे टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल हों और आसपास के लोगों को जागरूक करें। उन्होंने आशा बहुओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों की सराहना की।  

ग्रामीणों की भागीदारी:

इस अवसर पर गांव की कई महिलाओं और पुरुषों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से बीमारी से जुड़ी शंकाओं का समाधान किया और टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।  

अभियान का संदेश:

कार्यक्रम के अंत में यह संदेश दिया गया कि टीबी को जड़ से खत्म करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। सही समय पर जांच, दवाइयों का नियमित सेवन और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाकर इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।  

गणतंत्र दिवस के मौके पर इस तरह के कार्यक्रम से गांव के लोगों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है, जो स्वस्थ समाज की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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