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सरस्वती शिशु मंदिर, पुरवारी टोला बिसवां में 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया


ब्यूरो रिपोर्ट अमित गुप्ता ✍️ 

आज, 26 जनवरी 2025, रविवार, सरस्वती शिशु मंदिर, पुरवारी टोला, बिसवां (सीतापुर) में 76वें गणतंत्र दिवस का आयोजन बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस शुभ अवसर पर विद्यालय के पूर्व छात्र एवं मुख्य अतिथि श्री शशांक पांडेय और विद्यालय अध्यक्ष श्री राजाराम गुप्ता ने ध्वजारोहण किया। इसके बाद भारत माता की पूजा और आरती का कार्यक्रम संपन्न हुआ।  

अतिथियों का स्वागत और संदेश  

विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री रामानुज चौरसिया ने सभी उपस्थित अतिथियों का परिचय कराया। मुख्य वक्ता के रूप में विद्यालय के कोषाध्यक्ष और कार्यालय प्रमुख श्री राम सागर वर्मा ने अपने विचार साझा किए। मुख्य अतिथि श्री शशांक पांडेय ने बच्चों को संबोधित करते हुए परिश्रम, अनुशासन, और कर्तव्य के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दी।  

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति  

कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंध समिति के व्यवस्थापक श्री राम प्रताप, उपाध्यक्ष श्री मुन्नालाल गुप्ता, श्री विमलेश अवस्थी, श्री बलराम, श्रीमती रजनी गुप्ता (अध्यक्षा, बालिका विद्या मंदिर), श्रीमती शिखा गुप्ता (मातृ भारती संरक्षिका), नगर की प्रतिष्ठित डॉक्टर प्रीति वैश्य, श्रीमती उमा गुप्ता, श्रीमती किरण गुप्ता, और श्रीमती सीमा रस्तोगी समेत अन्य सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे।  

देशभक्ति कार्यक्रम और झांकियां  

कार्यक्रम में विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री महेश मिश्र ने संचालन किया। बच्चों ने देशभक्ति गीत, भाषण, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी को भाव-विभोर कर दिया। 11:00 बजे से विद्यालय की ओर से देशभक्ति झांकियां निकाली गईं। झांकियों में भारत माता, आजादी के मतवाले, स्वामी विवेकानंद, और कुंभ दर्शन की झलकियां दिखाई गईं।  

नगर में पथ संचलन  

भैया-बहनों के घोष दल के साथ नगर के प्रमुख मार्गों पर पथ संचलन निकाला गया। नगरवासियों ने बच्चों के ऊपर पुष्पवर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया। झांकियां मनमोहक और प्रशंसनीय रहीं। 

कार्यक्रम का समापन  

कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ आचार्य श्री तोताराम पांडेय ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। भैया-बहनों और अभिभावकों को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ। 

यह आयोजन न केवल राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को बढ़ाने वाला रहा, बल्कि बच्चों और अभिभावकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना।



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