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कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई गीता प्रतियोगिता संबंधी बैठक, गीता केवल किसी एक धर्म की नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए जीवन मार्गदर्शिका है - डीएम

योगेंद्र सिंह यादव, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर

शाहजहांपुर, 17 अप्रैल 2025। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में गीता प्रतियोगिता को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर जनपद के समस्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अध्ययनरत छात्राओं को श्रीमद्भागवत गीता के संदेशों को आत्मसात कराने के उद्देश्य से ऑनलाइन कक्षाओं का शुभारंभ भी किया गया।

इस कार्यक्रम में जिले के सभी केजीबीवी से एक-एक छात्रा एवं एक-एक शिक्षक प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए, जबकि अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण वीसी (वर्चुअल माध्यम) से कार्यक्रम से जुड़े। कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष गीता के श्लोकों का उच्चारण किया। डीएम ने छात्राओं के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें श्रीमद्भागवत गीता की प्रतियां भेंट स्वरूप प्रदान कीं।

जिलाधिकारी ने कहा, "गीता केवल किसी एक धर्म की पुस्तक नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता के लिए जीवन जीने की उत्कृष्ट मार्गदर्शिका है। इसके शाश्वत संदेश व्यक्ति को आत्मिक बल, मानसिक स्थिरता और आंतरिक शांति प्रदान करते हैं।" उन्होंने कहा कि गीता के उपदेशों को आत्मसात करने से बालिकाओं में संस्कारों की वृद्धि होगी और वे पारिवारिक सामंजस्य भी सीख सकेंगी।

डीएम ने प्रतियोगिता को दो स्तरों पर आयोजित करने के निर्देश दिए — एक अध्यापकों के लिए और दूसरी छात्राओं के लिए। उन्होंने कहा कि पहले अध्यापकों की प्रतियोगिता आयोजित की जाए, ताकि वे श्लोकों को सारगर्भित ढंग से समझाकर शिक्षण कर सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि श्लोकों को केवल रटवाने के बजाय उनका भावार्थ व सार कहानी और संवाद शैली में बच्चों को समझाया जाए।

राज्य संदर्भ समूह के सदस्यों को निर्देशित किया गया कि वे श्लोकों से संबंधित 200 शब्दों की शब्दावली तैयार करें, ताकि शिक्षण कार्य अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

पुरस्कारों की घोषणा करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि —

  • प्रथम पुरस्कार : ₹21,000/-
  • द्वितीय पुरस्कार : ₹15,000/-
  • तृतीय पुरस्कार : ₹10,000/-
  • इसके अतिरिक्त 10 अन्य प्रतिभागियों को ₹2,000/- की प्रोत्साहन राशि अथवा उपहार प्रदान किए जाएंगे।

कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने आशा व्यक्त की कि इस प्रतियोगिता से छात्राओं में भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों एवं आध्यात्मिक जागरूकता को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने सभी विद्यालयों से प्रतियोगिता की तैयारी पूर्ण मनोयोग से करने का आह्वान किया और कार्यक्रम की सफलता की कामना की।

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